Chhattisgarh

CG Autonomous College- हाईकोर्ट फैसला…डीपी विप्र कॉलेज को ऑटोनॉमस दर्जा देने का रास्ता साफ, अटल यूनिवर्सिटी की अपील खारिज

इस पूरे विवाद की शुरुआत जनवरी 2023 में हुई, जब डीपी विप्र कॉलेज को नैक से ‘ए’ ग्रेड मिला। इसके बाद कॉलेज ने यूजीसी को ऑटोनॉमस दर्जे के लिए आवेदन भेजा, जिसे यूजीसी ने स्वीकार करते हुए कॉलेज को 2024-25 से 2033-34 तक के लिए स्वायत्त संस्थान का दर्जा प्रदान कर दिया।

CG Autonomous College-छत्तीसगढ़ highcourt ने डीपी विप्र college को ऑटोनॉमस दर्जा देने के मामले में फैसला सुनाते हुए अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी की अपील को खारिज कर दिया है।

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने स्पष्ट किया कि कॉलेज को ऑटोनॉमस दर्जा देना यूजीसी के नियमों के अनुरूप है और इसमें किसी तरह की अनियमितता नहीं पाई गई।

इस पूरे विवाद की शुरुआत जनवरी 2023 में हुई, जब डीपी विप्र कॉलेज को नैक से ‘ए’ ग्रेड मिला। इसके बाद कॉलेज ने यूजीसी को ऑटोनॉमस दर्जे के लिए आवेदन भेजा, जिसे यूजीसी ने स्वीकार करते हुए कॉलेज को 2024-25 से 2033-34 तक के लिए स्वायत्त संस्थान का दर्जा प्रदान कर दिया।

लेकिन अटल यूनिवर्सिटी ने इस पर आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया कि कॉलेज ने उनकी अनुमति के बिना आवेदन किया और कई आवश्यक सूचनाएं छिपाईं।

9 जून 2023 को यूनिवर्सिटी ने यूजीसी को पत्र भेजकर कॉलेज को स्वायत्त दर्जा न देने की अपील की थी।

इसके बाद 20 फरवरी 2024 को यूनिवर्सिटी ने कॉलेज को ऑटोनॉमस का प्रचार करने से रोकने का निर्देश भी दिया। इस कार्रवाई को चुनौती देते हुए कॉलेज ने हाई कोर्ट की शरण ली, जहां सिंगल बेंच ने कॉलेज के पक्ष में फैसला दिया और 30 दिनों के भीतर स्वायत्त दर्जा देने का आदेश दिया।

अटल यूनिवर्सिटी इस फैसले के खिलाफ डिवीजन बेंच पहुंची, लेकिन हाई कोर्ट ने अब उनकी अपील को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि डीपी विप्र कॉलेज की स्वायत्तता पूरी तरह वैध है। कोर्ट ने यह भी माना कि कॉलेज 1969 से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे रहा है और नैक ‘ए’ ग्रेड के साथ-साथ ISO 9001:2015 सर्टिफिकेशन भी प्राप्त कर चुका है।

यूजीसी ने कोर्ट में दलील दी कि यदि विश्वविद्यालय समय पर जवाब नहीं देता है तो आयोग को नियमों के तहत ऑटोनॉमस दर्जा देने का अधिकार है। कोर्ट ने पाया कि यूनिवर्सिटी ने समय रहते प्रतिक्रिया नहीं दी और बाद में देर से आपत्ति जताई, जो स्वीकार्य नहीं है।

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