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VIDEOः सिम्स ने फिर पेश किया लापरवाही का नमूना..नवजात की मौत पर परिजनों ने किया हंगामा…कहा..इन लोगों ने बच्ची को मारा

सिम्स में नवजात की मौत पर परिजनों का गंभीर आरोप

बिलासपुर— मेहनत और प्रयास कितना भी करो लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात ही मिलता है। यह जुमला सिम्स और प्रबंधन पर सटीक बैठता है। प्रशासन की मेहनत और हाईकोर्ट की फटकार के बाद भी सिम्स और सिम्स  प्रबंधन ने मानों नहीं सुधरने का फैसला कर लिया है। एक बार फिर प्रबंधन की लापरवाही से तीन दिन के नवजात ने दम तोड़ दिया है। मामले को लेकर परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया। पुलिस के प्रयास से किसी तरह लोगों को शांत कराया। परिजनों का आरोप है कि गलत सलाह और ईलाज से उसकी खेलती बच्ची ने दम तोड़ दिया है। यदि डॉक्टर ने हमारी शिकायत को गंभीरता से लिया होता तो शायद बच्ची आज हमारी गोद में मुर्दा नहीं जिन्दा होती। 

सिम्स प्रबंधन ने मानों नहीं सुधरने का कसम खा लिया है। चाहे हाईकोर्ट फटकारे या प्रशासन दहाड़े..सिम्स प्रबंधन पर कोई असर पड़ता नहीं दिखायी दे रहा है। तीन दिन पहले अस्पताल में भर्ती नवजात बच्ची ने समुहित ईलाज नहीं होने से दम तोड़ दिया है। परिजनों ने आरोप लगाया है कि रात्रि सेवा देने वाली महिला डॉक्टर की लापरवाही के चलते बच्ची ने दम तोड़ा है। परिजनों ने बताया कि मामले की शिकायत करने पर महिला डाक्टर ने उनके सात दुर्व्यवाहर किया है। मांगे जाने पर रिपोर्ट देने से इंकार किया है। साथ ही दबाव भी बनाया है कि मामले की शिकायत यदि थाने में किया तो बहुत बुरा होगा। परिजनों के अनुसार फिलहाल प्रसूता की हालत गम्भीर है।

महिला डॉक्टर ने की अनदेखी

 भाटापारा निवासी पीड़ित परिवार के सदस्य अनिल भास्कर ने बताया कि पीड़ित परिवार उसका साला है। साले का नाम त्रिलोक सूर्यवंशी है। उसकी पत्नी सुमन सूर्यवंशी को 13 जून को डिलेवरी के लिए सिम्स की जचकी वार्ड में भर्ती कराया गया । सुमने ने 12 बजे रात्रि को नवजात बच्ची को जन्म दिया।

जन्म के कुछ घंटे बाद परिजनों ने सेवा में तैनात महिला डॉक्टर को बताया कि बच्ची रो रही है। मां का दूध भी नहीं उतर रहा है। ऐसी सूरत में क्या करें। महिला डॉक्टर ने बच्ची को लेक्टोजेंन पीलाने की बात कही। महिला डॉक्टर की सलाह पर बच्चे को लेक्टोजेंन पिलाया गया। इसके कुछ देर बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ गयी। बच्ची को तत्काल महिला डाक्टर को दिखाया।  उन्होने बिना देखे और चेक किये कहा कि बच्ची नॉर्मल है..कुछ नहीं होगा। उन्होने बच्ची को लेजाने के लिए कहा। सुबह 5- 6 बजे के बीच बच्ची ने दम तोड़ दिया।

ईलाज में लापरवाही..बच्ची की मौत

अनिल कुमार ने जानकारी दिया कि बच्ची रात्रि  9-10 बजे तक खेल रही थी। डॉक्टर ने जैसा किया हमने वैसा ही किया। तबीयत बिगड़ने की शिकायत को उन्होने नजरअंदाज किया। और महिला डाक्टर की लापरवाही के चलते बच्ची की मौत हो गयी। अनिल ने डॉक्टर पर  लापरवाही का आरोप लगाया। बावजूद इसके जब डॉक्टर से संपर्क का प्रयास किया गया तो उन्होने मिलने से इंकार कर दिया।

बच्ची की मौत और डॉक्टर की लापरवाही को लेकर जब हमने शिकायत की तो प्रबंधन ने डराया धमकाया है। हमने 112 टीम को खबर किया। पुलिस रिपोर्ट लिखाने के लिए  मेडिकल दस्तावेज मांगा तो सिम्स कर्मचारियों ने पहले डराया धमकाया। और अब शव का पोस्टमार्टम की बात कह रहे हैं। हमे बच्ची का पोस्टमार्टम नहीं करना है।

पहले भी लापरवाही से हुई मौत

अनिल कुमार ने जानकारी दिया कि कुछ दिनों पहले उसने अपनी पत्नी को भी सिम्स में डिलेवरी के लिए भर्ती किया था। उसके यहां भी बच्ची ने जन्म लिया था। बच्ची स्वस्थ्य पैदा हुई थी…लेकिन डॉक्टर की तरफ से ईलाज में लारवाही के कारण उसकी बच्ची की मौत हो गयी। हम लोग आखिर जाएं कहां..जब कुछ बोलते हैं तो आरोप लगाया जाता है कि हंगामा कर रहे हैं।

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