5.13 करोड़ तेंदूपत्ता घोटाला… पुलिस दबाव में मुख्य आरोपी रिहा.. सिस्टम की साख पर बट्टा

रायपुर…छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 5.13 करोड़ तेंदूपत्ता घोटाले और 94 लाख की तेंदूपत्ता चोरी के मुख्य आरोपी ठेकेदार सुधीर कुमार मानेक को आज सुबह राजनांदगांव कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया, लेकिन गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद ही दो वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के कथित दबाव में उसे थाने से रिहा कर दिया गया, जिससे पुलिस प्रशासन की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोतवाली थाना प्रभारी रामेंद्र सिंह आरोपी को कोर्ट में पेश करने की तैयारी कर रहे थे। इसी दौरान दो अलग-अलग जिलों के एसपी स्तर के अधिकारियों के फोन कॉल आए।
कथित दबाव में आकर थाना प्रभारी को मानेक को रिहा करना पड़ा। इस संदर्भ में एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी सामने आई है। स्वयं थाना प्रभारी यह स्वीकार करते सुनाई दे रहे हैं कि “वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश के चलते रिहाई करनी पड़ी।”
रिहाई का कारण यह बताया गया कि आरोपी को एक अन्य मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की अदालत में पेश किया जाना था।
हालांकि, कानूनविदों और नागरिक संगठनों का कहना है कि गिरफ्तारी के बाद थाने से सीधे रिहा किया जाना एक असामान्य और संदिग्ध प्रक्रिया है, विशेषकर जब मामला करोड़ों के घोटाले से जुड़ा हो।
FIR दर्ज, गंभीर धाराएं लागू – फिर भी रिहाई ?
सुधीर मानेक पर FIR 19 जून 2025 को भारतीय दंड संहिता की धारा 316(2) आपराधिक विश्वासघात, 316(5) (धोखाधड़ी) और 61(2) (आपराधिक साजिश) के तहत दर्ज किया गया।
इसके बावजूद थाने से रिहा किया जाना यह संकेत देता है कि प्रभावशाली लोगों को सिस्टम का संरक्षण प्राप्त है,। जबकि आम नागरिकों के साथ कठोरता बरती जाती है।
जानकारी हो कि मानेक की अग्रिम जमानत याचिका छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में लंबित है। उसकी सुनवाई शीघ्र होनी है। ऐसे में गिरफ्तारी के बाद न्यायालय के समक्ष पेश करना जरूरी माना जा रहा था।, लेकिन पुलिस ने उसे थाने से ही छोड़ दिया । पूरे मामले को संदेह के घेरे में डाल रहा है।
मानेक पर और भी गंभीर आरोप, फिर ढिलाई
सुधीर मानेक पर मोहला-मानपुर क्षेत्र में अपने तीन कर्मचारियों पर झूठा नक्सली लेवी का आरोप लगाकर जेल भेजवाने का भी आरोप है। मामला मानवाधिकार उल्लंघन से भी जुड़ता है। इसमें भी पुलिस की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या एक प्रभावशाली ठेकेदार के खिलाफ एक से अधिक गंभीर मामलों में कार्रवाई से बचने के लिए तंत्र का दुरुपयोग किया जा रहा है?