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23 कछुओं की रहस्यमय मौत..जागा रतनपुर…न्यायमंच की बैठक में रमेश सूर्या ने कहा…घटना में ट्र्स्ट और कांग्रेस नेता जिम्मेदार

बिलासपुर—रतनपुर स्थित मां महामाया प्रांगण के तालाब में 23 कछुओं की मौत धीरे धीरे गंभीर रूप लेता जा रहा है। हाईकोर्ट की फटकार के बाद मामले को अब दबाने छिपाने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन प्रकरण ने अब और तूल पकड़ लिया है। जानकारी देते चलें कि एक दिन पहले हाईकोर्ट चीफ जस्टिस ने रतनपुर महामाया ट्रस्ट को कछुओं की मौत को लेकर  ना केवल फटकारा….बल्कि प्रश्न भी उठाया कि पुजारी क्यों जिम्मेदार नहीं हो सकता है। बहरहाल अब रतनपुर न्याय मंच ने भी बैठक कर  कछुओं की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष रमेश सूर्या ने कछुआ की मौत के लिए सीधे-सीधे पूर्व ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष यानी ठेकेदार आनन्द जायसवाल को जिम्मेदार ठहराया है। रमेश सूर्या ने बताया कि पूर्व ब्लाक अध्यक्ष आनन्द जायसवाल स्थानीय विधायक का नजदीकी है। इसलिए मामले पर कांग्रेस नेता पर्दा डाल रहे हैं।

 रतनपुर स्थित प्रसिद्ध महामाया शक्तिपीठ मंदिर परिसर के कुंड में 23 कछुओं की रहस्यमय मौत का मामला धीरे धीरे तूल पकड़ लिया है। हाईकोर्ट के सख्त रूख के बाद महामाया ट्रस्ट में सन्नाटा पसर गया है। मुख्य न्यायाधीश ने मामले को लेकर पुजारी और लेडी के नाम पर दुहाई देने वालों को जमकर फटकारा है। कछुआ की मौत और हाईकोर्ट की फटकार के बाद जहां ट्रस्ट मे सन्नाटा है। तो रतनपुर की जनता में जमकर आक्रोश भी है।

         न्याय मंच के बैनर तले एकत्रित रतनपुर के बुद्धिजीवियों ने ट्र्स्ट के खिलाफ सख्त बयानबाजी किया है। रतनपुर पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष रमेश सूर्या ने तो मोर्चा खोल दिया है। सूर्या ने कहा कि मछली मारने का ठेका किन शर्तों पर दिया गया। मामले की जांच जरूरी है। क्योंकि कुण्ड में मौजूज कछुआ दुर्ळभ प्रजाति के हैं। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि ठेकेदार और ट्रस्ट के लोगों में मिली भगत हो। कछुओं की मौत के लिए कांग्रेस नेता ठेकेदार जायसवाल के साथ ट्रस्ट के बड़े पदाधिकारी भी जिम्मेदार है। ठेकेदार कांग्रेस का पूर्व ब्लाक अध्यक्ष है। उसका स्थानीय विधायक से करीबी नाता है। इसलिए कांग्रेस के लोग ठेकेदार को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।

ठेकेदार को बचाने का लगाया आरोप

पूर्व ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष रमेश ने घटना को लेकर दुख जाहिर किया है। उन्होने बताया कि आज देर शाम रतनपुर के संवेदनशील लोगों ने न्याय मंच के बैनर तले बैठक किया । सभी ने ट्र्स्ट की गतिविधियों को लेकर आशंका जाहिर किया है। दरअसल कछुओं को जिन्दा बेचे जाने का प्लान था। मछली मारने के दौरान कांग्रेस नेता ठेकेदार जायसवाल ने कछुओँ को जाल मे फंसाया। किन्ही कारणों से समय पर कछुओं को नहीं निकाल पाया। इसके चलते सभी की मौत हो गयी। मामले को अब तरह तरह के तर्क से दबाने का प्रयास किया जा रहा है। न्याय मंच ने फैसला किया है कि हाईकोर्ट जाँएंगे..ठेकेदार समेत ट्र्स्ट की गतिविधियों को लेकर जांच पड़ताल की मांग करेंगे।

हाईकोर्ट चीफ जस्टिस की फटकार

 बताते चलें कि मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा की बेंच ने सुनवाई करते हुए ट्र्स्ट समेत कछुओं की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को जमकर फटाकारा। हाईकोर्ट ने  पुजारी की अग्रिम जमानत पर सुनवाई दौरान नाराजगी जाहिर किया। जस्टिस ने बार बार  “पुजारी” शब्द कहने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि “बार-बार पुजारी और लेडी कहकर बचाव ठीक नहीं। मर्डर कोई भी कर सकता है। ट्र्स्ट ने पवित्र स्थल को गंदा किया है.. और आप बचाव कर रहे हैं।  कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि सिर्फ पुजारी के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज क्यों किया गया। अन्य लोग इसके लिए जिम्मेदार क्यों नहीं है..? चीफ जस्टिस ने पूछा कि पवित्र स्थल की देखरेख करने वाले अन्य लोग इसके लिए जिम्मेदार क्यों नहीं है।

 सूर्या ने बढ़ाया ट्रस्ट का तनाव

 जहां हाईकोर्ट ने 23 कछुओं की मौत को बहुत गंभीरता से लिया है…तो पूर्व ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष रमेश सूर्या ने भी ट्र्स्ट और ठेकेदार के खिलाफ मोर्चा खोलकर प्रकरण को अधिक गंभीर बना दिया है। सूर्या ने दो टूक कहा कि मंदिर ट्रस्ट की भूमिका संदिग्ध है। दर्सल कुण्ड में मौजूद दुर्लभ प्रजाति के कछुओ को बेचने की योजना थी। लेकिन दम घुटने से मौत से मामला सामने आ गया। अन्यथा जैसा पहले होता रहा वैसा ही अब होता..किसी को पता भी नहीं चलता।सूर्या ने दुहराया कि साजिश को बेनकाब करूंगा। न्याय मंच के माध्मम से कोर्ट में अपनी बातों को पेश करूंगा

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