गौमाता, नंदी संरक्षण को समर्पित कांवर यात्रा: कांग्रेस अध्यक्ष ने किया शंखनाद..कहा. . सड़क से मंदिर तक उठेगी “संवेदना की हुंकार”

बिलासपुर …सावन के पावन महीने के अंतिम सोमवार को बिलासपुर में एक अनूठी और संवेदनशील पहल देखने को मिलेगी। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी के नेतृत्व में गौमाता और नंदी के संरक्षण को समर्पित कांवर यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा तिफरा ब्लाक कांग्रेस कमेटी के बैनर तले आयोजित होगी। जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बड़ी संख्या में आम नागरिक भी सहभागिता करेंगे।
सड़क से मंदिर तक संघर्ष का संकल्प
पिछले कुछ समय से राष्ट्रीय और राज्यीय राजमार्गों पर गौवंश की लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं और मृत्यु ने न केवल जनमानस को बल्कि कांग्रेस नेतृत्व को भी झकझोर कर रख दिया है। भारी वाहनों की चपेट में आकर बेजुबान गोवंश असमय काल के गाल में समा रहे हैं,। जिसकी भयावह तस्वीरें सामने आने के बाद विजय केशरवानी ने इसे निजी अभियान बना लिया है।
बछेरा तालाब से निकलेगी यात्रा
यात्रा की शुरुआत तिफरा स्थित थोक फल-सब्ज़ी मंडी के पीछे बने गोठान से होगी। गौमाता की पूजा-अर्चना कर संयम और श्रद्धा से यात्रा की विधिवत शुरुआत होगी। इसके बाद सभी यात्री बछेरा तालाब पहुंचकर कांवर में जल भरेंगे। “हर-हर महादेव” के जयघोष के साथ गौसंवेदना और संरक्षण का संदेश लिए यात्रा प्रारंभ करेंगे।
करीब 5 किलोमीटर लंबी यह यात्रा तिफरा मुख्य मार्ग से होती हुई यदुनंदन नगर स्थित महादेव मंदिर तक पहुंचेगी। महादेव और नंदी पर जलाभिषेक कर सभी उपस्थित जन गौसंवर्धन व संरक्षण की शपथ लेंगे। इसी के साथ यह यात्रा एक स्थायी सामाजिक अभियान का रूप ले लेगी।
विजय केशरवानी की पहल को व्यापक जनसमर्थन
इससे पूर्व भी मोपका में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की बैठक के दौरान विजय केशरवानी ने गौमाता की पूजा कर सभी कांग्रेसजनों को संरक्षण की शपथ दिलाई थी। अब यह पहल न केवल राजनीतिक संकल्प बल्कि सामाजिक चेतना के रूप में उभर रही है।
गौसंवर्धन को राजनीति से जोड़ा,
विजय केशरवानी का यह अभियान यह दर्शाता है कि राजनीति केवल सत्ता नहीं, संवेदना भी है। गोवंश के लिए यह चिंता सिर्फ धार्मिक नहीं, मानवीय है — और इसे राजनीतिक नेतृत्व से जुड़कर एक व्यापक आंदोलन में बदलने की ज़रूरत है, जिसकी शुरुआत हो चुकी है।
राजनीति नहि जन चेतना.. विजय केशरवानी
कंवर यात्रा को लेकर विजय केशरवनी ने बयान दिया किज जब नंदी और गौमाता की रक्षा की बात होगी, तब राजनीति नहीं, जनचेतना बोलेगी ।