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CG Nikay Election 2025: जितना बड़ा शहर – उतना कम वोट प्रतिशत..! अधिक उत्साह दिखाकर गांव वालों ने फिर दे दी शहर वालों को मात…

CG Nikay Election 2025/नगरीय निकाय चुनाव में वोट डाले जा चुके हैं। अब चुनाव नतीजे को लेकर बहस शुरू हो गई है। लेकिन जिस तरह का मतदान प्रतिशत (vote percentage) रहा है, वह फिलहाल बहस का मुद्दा है। मतदान प्रतिशत को देखते हुए यह बात उभर कर सामने आ रही है कि इस बार भी चुनाव (CG Nikay Election 2025) में शहरी मतदाता फिर हार गए… और गांव वालों का उत्साह अधिक नजर आया।

CG Nikay Election 2025/मंगलवार को छत्तीसगढ़ में 173 नगरीय निकायों में चुनाव के लिए मतदान हुआ। जिसमें 10 नगर पालिक निगम, 49 नगर पालिका और 114 नगर पंचायत शामिल हैं। इस बार नगर निगम महापौर और नगर पालिका – नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए मतदाताओं ने सीधे वोट डाले। साथ ही सभी निकायों में पार्षद चुनाव के लिए भी वोट डाले गए। इस तरह नगरीय निकायों के चुनाव में मतदाताओं ने दो-दो वोट डाले। हर बार की तरह इस बार भी मतदान प्रतिशत सामने आने के बाद इस बात पर भी बहस हो रही है कि किस हिस्से में किस तरह का मतदान प्रतिशत रहा। आंकड़ों से अब तक जो बात सामने आ रही है उसे पता चलता है कि नगरीय निकायों में शहरी इलाके के मतदाताओं ने उम्मीद के हिसाब से उत्साह नहीं दिखाई।

CG Nikay Election 2025/हालांकि नगर निगम के चुनाव में वोट का प्रतिशत पिछले चुनाव के मुकाबले बढ़ा है। लेकिन जिस तरह से देहातों से जुड़े मतदाताओं ने उत्साह दिखाया वैसी तस्वीर शहरी इलाकों में नहीं रही। वैसे यह चुनाव शहरी इलाकों का है। जिसमें शहर क्षेत्र के मतदाता वोट डालते हैं। लेकिन शहरी विकास और मतदाताओं की संख्या को देखते हुए इसे केटेगरी में बांटा जा सकता है। जाहिर सी बात है कि नगर निगम क्षेत्र में शहरी मतदाताओं की संख्या अधिक होती है। जबकि नगर पंचायत ऐसे निकाय माने जा सकते हैं, जिनका मिजाज ग्रामीण कहा जा सकता है ।ग्राम पंचायत से नगर पंचायत का दर्जा हासिल करने के बाद ग्रामीण परिवेश में रहने वाले लोगों ने चुनाव में किस तरह उत्साह दिखाया यह आंकड़ों से साफ जाहिर है।

CG Nikay Election 2025/तमाम नगर पंचायतों में मतदान का प्रतिशत नगर निगमों के मुकाबले अधिक नजर आ रहा है। जबकि नगर निगम क्षेत्र के शहरी मतदाताओं ने वैसा उत्साह नहीं दिखाया। जबकि मतदाताओं को जागरूक प्रशासन की ओर से अभियान भी चलाए गए। राजनीतिक हल्कों में माना जाता है कि शहरी मतदाताओं की इस तरह की उदासीनता चिंता का विषय है। हालांकि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव के दौरान भी आंकड़े सामने आते हैं तो यह पता चलता है कि शहरी क्षेत्र के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्र में अधिक वोट पड़ते हैं। लेकिन स्थानीय चुनाव होने की वजह से नगर निगम में उम्मीद की जाती है कि लोग बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लेंगे ।

CG Nikay Election 2025/इसकी वजह को लेकर सब की अपनी अपनी राय हो सकती है । मसलन उम्मीदवारों के चयन को लेकर जिस तरह जोड़-तोड़ की खबरें टिकट वितरण के समय ही आती हैं और उसके बाद जो चेहरे सामने आते हैं, उसे लेकर लोगों में बहुत अधिक आकर्षक या उत्साह नजर नहीं आता ।

CG Nikay Election 2025/इसी तरह राजनीतिक जोड़-तोड़ और खींचतान से जुड़ी खबरों पर गौर करने वाले मतदाता भी उदासीन हो सकते हैं । शायद उन्हे बहुत अधिक उम्मीद नज़र नहीं आती। सियासत से जुड़े लोग चुनाव के बाद इसे भूल जाते हैं और इस बात फ़िर मंथन नहीं होता कि शहरी इलाके के मतदाता उदासीन क्यों हो रहे हें। ऐसे में लगता है कि जिस तरह वोट देने वालों से बात की जाती है और उनका मन टटोलने की कोशिश की जाती है, उसी तरह वोट नहीं देने वाले मतदाताओं तक पहुंचकर उनकी उदासीनता का कारण जानना चाहिए । शायद इस कवायद से यह समझ में आए कि मतदान के समय गांव वाले मतदाताओं से शहरी मतदाता मात क्यों खा जाते हैं…?

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