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सब्जी व्यापारियों का फूटा गुस्सा..कहा.ना चिट्ठी,ना पाती..चला दिया बुलडोजर…सैकड़ों की संख्या में पहुंचे कलेक्टर कार्यालय

व्यापारियों का आरोप..ना चिट्ठी..ना पाती और चला दिया बुलडोजर

बिलासपुर—निगम प्रशासन के तोड़फोड़ से प्रभावित चांटीडीह के सैकड़ों सब्जी विक्रेताओं ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर डेरा डाला। कलेक्टर या किसी अधिकारियों से बातचीत नहीं होने के बाद सभी व्यापारी तहसीलदार कार्यालय पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराया। नाराज व्यापारियों ने कहा कि निगम प्रशासन ने तोड़फोड़ कार्रवाई से पहले सूचना या नोटिस देना भी उचित नहीं समझा। शासन के निर्देश पर ही हमने 25 साल तक चांटीडीह में सब्जी का व्यापार किया। प्रशासन बताएं हम लोग अब कहां जाएं। कम से कम तोड़फोड़ से पहले व्यवस्थापन की व्यवस्था तो करना था।

जानकारी देते चलें कि एक दिन पहले निगम प्रशासन ने अल सुबह चांटीडीह स्थित पुराने सब्जी मण्डी स्थित झोपड़ियों समेत पक्का निर्माण पर जेसीबी चलाया। करीब 200 दुकानों को निगम ने अभियान चलाकर जमीदोज किया। बताते चलें कि अपोलो से रपटा पुल तक सड़क चौड़ीकरण होना है। इस तारतम्य में निगम प्रशासन ने नोटिस थमाने के बाद 8 की सुबह जेसीबी चलाकर दुकानों को हटा दिया।

चांटीडीह मण्डी पर निगम जेसीबी भारी

       अल सुबह कार्रवाई के बावजूद दुकानदारों की भीड़ लग गयी। सभी ने निगम कार्रवाई का पुरजोर विरोध किया। इस दौरान निगम प्रशासन ने निर्देश दिया कि सभी व्यापारी पीछे हटकर उबड़ खाबड़ जमीन पर अपना व्यापार कर सकते हैं। लेकिन कोई व्यक्ति पक्का निर्माण नहीं करेगा।

निगम कार्रवाई से नाराज चांटी़डीह सब्जी मण्डी के व्यापारी आज कलेक्टर कार्यालय फरियाद करने पहुंचे। उन्हें जानकारी दी थी कि सोमवार को कलेक्टर जनदर्शन का आयोजन करते हैं। लेकिन उन्हें गहरी निराशा का सामना करना पड़ा। सैकड़ों की संख्या में पहुंचे महिला और पुरूष सब्जी व्यवसायी लौट गए। तहसील कार्यालय पहुंचकर अपनी शिकायत को अधिकारियों के सामने पेश किया।

रोजी रोजी संकट का हवाला

 कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर व्यापारियों ने बताया कि चांटीडीह में हम करीब 25 साल से सब्जी का कारोबार करते हैं। 8 जून की सुबह निगम प्रशासन ने बिना किसी पूर्व सूचना के हमारे निर्माम पर जेसीबी चलाकर तहस नहस कर दिया है। अचानक हुई कार्रवाई से हमें बहुत आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा है। हमारी रोजी रोटी पर गंभीर संकट खड़ा हो गया है।

चिल्हर व्यापारियों से अन्याय

 नारात सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि हमारे सात 2007 में भी अन्याय हुआ। हमारी दुकानों को तोड़ा गया। तत्कालीन समय प्रशासन ने सभी को तिफरा स्थित मण्डी में व्यवस्था की बात कही। लेकिन व्यवस्था के समय सिर्फ थोक व्यापारियों का ध्यान दिया गया। चिल्हर सब्जी विक्रेताओं को अपने हाल पर छोड़ दिया गया। हम आज तक तिरपाल लगाकर व्यवसाय करने को मजबूर हैं। अब निगम ने उसे भी नष्ट कर दिया है।

समर्थन और मांग के साथ नारेबाजी

       इस दौरान व्यापारियों ने निगम प्रशासन की कार्रवाई का समर्थन करते हुए दुहराया कि तोड़फोड़ के पहले व्यापिरयों को व्यस्थित किया जाना जरूरी था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया..जिसके चलते सभी लोग परेशान हैं। कलेक्टर से मांग है कि तोड़फोड़ की कार्रवाई को तत्काल रोके। प्रभावित व्यापारियों को व्यवस्थापन के तहत उचित स्थान दिया जाए। भविष्य में इस प्रकार की कार्रवाई को पूरी तरह से बन्द करे। यदि हमारी मांग को गंभीरता से नहीं लिया गया तो हम उग्र आंदोलन करेंगे। कलेक्टर और निगम कार्यालय का घेराव भी करेंगे। इस दौरान सब्जी विक्रेताओं ने नारेबाजी भी है।

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