Monsoon: भारी बारिश के कारण छह जिलों में बाढ़ के हालात
देश के कई राज्यों में बारिश हो रही है। इसके चलते उत्तराखंड, बिहार और मध्य प्रदेश की कई नदियां उफान पर आ गई हैं। असम, मणिपुर और मिजोरम में बारिश के चलते भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आईं हैं।

Monsoon की दस्तक के साथ पूर्वोत्तर भारत के 6 राज्यों में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात हैं। असम में बारिश से 8 लोगों की मौत हो चुकी है। 17 जिलों में बाढ़-भूस्खलन का कहर बरपा है। इधर, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य में भारी बारिश का अलर्ट जारी कर और टेंशन बढ़ा दी है।मणिपुर में बाढ़ प्रभावित इलाकों से 800 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया गया है।
नेपाल में बारिश का असर बिहार की नदियों पर भी दिखने लगा है। सीमांचल की 3 नदियां उफान पर हैं। देश के बाकी हिस्से में भी बारिश हो रही है।
असम के गुवाहाटी शहर में नाव चल रही है। SDRF के जवान लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचा रहे हैं। असम के सबसे बड़े शहर पर मॉनसून की मार इस कदर पड़ी है कि सड़कें सैलाब में समा चुकी हैं। सड़कों पर नाव चल रही है।
असम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय, मणिपुर और मिजोरम में बारिश बाढ़ और लैंडस्लाइड ने लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त कर रखा है। असम के श्रीभूमि जिले में कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण जलभराव हो गया है। पानी सड़कों से होते हुए लोगों के घरों में घुस गया है।
असम में भारी बारिश के कारण छह जिलों में बाढ़ के हालात हैं, जिससे 10 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। कामरूप जिले में लैंडस्लाइड की चपेट में आकर एक बच्चा समेत पांच लोगों की मौत हो गई है। असम के कामरूप मेट्रो और कछार जिले में बारिश से सबसे ज्यादा तबाही हुई है। असम सरकार के मंत्री जयंत मल्लाबरुआ ने बारिश के बाद जलजमाव से प्रभावित इलाकों का दौरा किया और पीड़ितों का हाल जाना है।
मौसम विभाग ने बांग्लादेश में बने डिप्रेशन के कारण भारी बारिश की आशंका जताई है। अरुणाचल प्रदेश के निचले सुबनसिरी, पश्चिम कामेंग, पश्चिम सियांग, लोहित और चांगलांग जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर से उफनती नदी की धार को पार करते ग्रामीणों का वीडियो सामने आया है। शनिवार को हुई तेज बारिश से जिले के हैदरपुर के पास अचानक बाढ़ से हालात हो गए।
बावजूद इसके ग्रामीण नदी के तेज बहाव को पार कर रहे हैं। यहां इससे पहले भी कई हादसे हो चुके हैं लेकिन ना तो प्रशासन ने कोई चेतावनी का बोर्ड लगाया है और ना ही लोग मानने को तैयार हैं। हल्की बारिश में भी यह नदी उफान पर आ जाती है और पानी पुल को पार कर जाता है। लोग खतरों के बीच पैदल और बाइक से उफनती धार को पार करने को मजबूर होते हैं।