शिक्षा विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा! फर्जी मेडिकल बिल से लाखों का गबन, संकुल समन्वयक निलंबित
जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर की जांच रिपोर्ट में साधेलाल पटेल द्वारा निम्नलिखित गंभीर अनियमितताओं की पुष्टि हुई है।साधेलाल पटेल ने स्वयं, अपने सहयोगी शिक्षक उमाशंकर चौधरी, और अपनी पत्नी राजकुमारी पटेल के नाम से लाखों रुपये के चिकित्सा प्रतिपूर्ति देयक स्वीकृत कराए, जबकि मेडिकल स्टोर के बिलों की राशि स्वीकृत राशि से बहुत कम थी।

बिलासपुर ।छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में शिक्षा विभाग के एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर ने फर्जी चिकित्सा प्रतिपूर्ति देयक प्रस्तुत कर शासकीय राशि के गबन के गंभीर आरोप में संकुल समन्वयक सह शिक्षक साधेलाल पटेल को तत्काल निलंबित कर दिया है।
इसके साथ ही, संयुक्त संचालक ने आरोपी संकुल समन्वयक और तत्कालीन जिला विकासखंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर की जांच रिपोर्ट में साधेलाल पटेल द्वारा निम्नलिखित गंभीर अनियमितताओं की पुष्टि हुई है।साधेलाल पटेल ने स्वयं, अपने सहयोगी शिक्षक उमाशंकर चौधरी, और अपनी पत्नी राजकुमारी पटेल के नाम से लाखों रुपये के चिकित्सा प्रतिपूर्ति देयक स्वीकृत कराए, जबकि मेडिकल स्टोर के बिलों की राशि स्वीकृत राशि से बहुत कम थी।
सबसे गंभीर मामला नरेन्द्र कुमार चौधरी (सहा. शि.) का है, जिनकी मृत्यु के एक वर्ष पश्चात साधेलाल पटेल द्वारा उनके नाम से ₹5,33,123 का मेडिकल देयक प्रस्तुत किया गया। सिविल सर्जन की जानकारी के अनुसार, मूल राशि ₹33,123 थी, जिसमें कूटरचना एवं छेड़छाड़ कर ₹5,33,123 कर दिया गया।
जांच में यह भी सामने आया कि कुछ देयकों की राशि पहले ही आहरित कर भुगतान की जा चुकी थी, लेकिन उनमें भी कूटरचना कर बिल्हा विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के माध्यम से पुनः लाखों का भुगतान (नरेन्द्र कुमार चौधरी को ₹4,33,123 और राजकुमारी पटेल को ₹2,40,947) आहरित कर दिया गया।
साधेलाल पटेल का यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम-3 एवं 16 के विपरीत गंभीर कदाचार की श्रेणी में माना गया है।
उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी तखतपुर, जिला बिलासपुर नियत किया गया है।