“सत्ता से सुप्रीम कोर्ट तक: भूपेश बघेल और बेटा चैतन्य, दोनों ने मांगा न्याय का संरक्षण”

रायपुर…छत्तीसगढ़ की राजनीति एक बार फिर उबाल पर है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शराब, कोयला और महादेव सट्टा ऐप से जुड़े बहुचर्चित मामलों में गिरफ्तारी की आशंका जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है।
उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि,
“मेरे बेटे को जिस तरह राजनीतिक प्रतिशोध में फंसाकर जेल भेजा गया, वैसा ही व्यवहार मेरे साथ भी किया जा सकता है।”बघेल ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया है कि वे जांच में पूरा सहयोग देने को तैयार हैं, लेकिन उन्हें आशंका है कि CBI, EOW और ED की कार्रवाइयों में निष्पक्षता नहीं है।
बेटा जेल में, पिता जमानत की दौड़ में
भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, जो फिलहाल रायपुर सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में हैं, ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। चैतन्य ने याचिका में कहा कि
“मेरा नाम न तो FIR में है, न किसी गवाह के बयान में। फिर भी मुझे गिरफ्तार किया गया। यह पूरी तरह से एक राजनीतिक साजिश है।”
5 महीने पहले हुई थी बघेल निवास पर छापेमारी
बता दें कि शराब घोटाले के सिलसिले में 5 महीने पहले ED की टीम ने भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य के भिलाई स्थित घर पर छापा मारा था। टीम ने करीब 10 घंटे की लंबी कार्रवाई में 32-33 लाख रुपए नकद और कुछ दस्तावेज जब्त किए थे। कार्रवाई के दौरान घर के बाहर हालात तनावपूर्ण हो गए थे।
राजनीति या कानून का शिकंजा?
एक ओर जांच एजेंसियों का दावा है कि यह कार्रवाई साक्ष्य आधारित और कानून सम्मत है, वहीं दूसरी ओर भूपेश बघेल इसे “सत्ता के इशारे पर की जा रही बदले की कार्रवाई” बता रहे हैं।
क्या हो सकता है आगे?
सूत्रों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई की संभावना है। अगर अग्रिम जमानत खारिज होती है, तो भूपेश बघेल की गिरफ्तारी भी तय मानी जा रही है। वहीं चैतन्य की जमानत अर्जी पर फैसला ED की चार्जशीट दाखिल करने के बाद ही संभव माना जा रहा है।