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छत्तीसगढ़ मेडिकल घोटाला: शेल कंपनियां और सरकारी मिलीभगत उजागर …ED ने खोली 40 करोड़ फर्जी सप्लाई की पोल

रायपुर : छत्तीसगढ़ में मेडिकल उपकरण और रसायनों (री-एजेंट्स) की खरीद में हुए बड़े घोटाले का पर्दाफाश करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 40 करोड़ रुपये की अवैध संपत्तियां जब्त की हैं। यह कार्रवाई PMMLA एक्ट 2022 के तहत की गई।

ईडी ने 30 और 31 जुलाई को रायपुर समेत 20 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें व्यापारी शशांक चोपड़ा, उनकी कंपनियों और कुछ स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों के ठिकाने शामिल थे। जांच में पता चला कि निविदा प्रक्रिया को तोड़-मरोड़ कर मनचाही कंपनियों को ठेका दिया गया, जिनमें से कई शेल कंपनियां थीं। इन कंपनियों के जरिए फर्जी सप्लाई और दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई।

जब्त संपत्तियों में शामिल हैं:

Ed के अनुसार बैंक खातों में नकद: 12.7 करोड़,एफडी: ₹8.3 करोड़,डीमैट निवेश: 9.6 करोड़,लग्जरी कारें: ₹2.2 करोड़ और डिजिटल दस्तावेज़ और हार्ड ड्राइव: 7 करोड़ को ज़ब्त किया गया है ।

जांच में यह भी सामने आया कि बिना सरकारी अफसरों की मिलीभगत इतनी बड़ी धोखाधड़ी संभव नहीं थी। कई क्लर्क, सेक्शन ऑफिसर और पूर्व अधिकारी ईडी के रडार पर हैं। सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही कुछ अधिकारियों को पूछताछ या गिरफ्तारी के लिए समन भेजा जा सकता है। ईडी अब पूरे मनी ट्रेल की गहन जांच कर रही है।

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