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अरपा संरक्षणः रेत का अवैध उत्खनन पर दर्ज होगा FIR… हाईकोर्ट का सख्त आदेश…प्रशासन इस पर गंभीरता से करे विचार

अरपा संरक्षणः हाईकोर्ट का आदेश...जल्द से जल्द पेश करें रिपोर्ट

बिलासपुर–अरपा नदीं संरक्षण और रेत का अवैध उत्खनन खिलाफ हाईकोर्ट ने सख्त रूख अपना लिया है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने आदेश दिया है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन को गंभीरता से जांच करे। अवैध उत्खनन को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करे।
अरपा नदी में लगातार हो रहे अवैध उत्खनन के खिलाफ हाईकोर्ट सख्त हो गया है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार से सवाल किया है कि नदी संरक्षण और अवैध खनन को रोकने के लिए अब तक क्या ठोस कदम उठाए गए हैं। कोर्ट ने नगरीय प्रशासन विभाग सचिव को शपथपत्र के साथ जवाब देने को कहा है।
 जानकारी देते चलें कि अरपा नदी को लेकर हाईकोर्ट में कई जनहित याचिका दायर हैं। याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट को नगर निगम ने बताया कि नदी की सफाई और संरक्षण के लिए  तैयार प्रोजेक्ट को एमआईसी और सामान्य सभा से हरी झण्डी मिल गयी है। प्रस्ताव को वित्तीय स्वीकृति के लिए राज्य शासन को भेजा गया है।
 हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि प्रस्ताव पर जल्द कार्रवाई करें। कोर्ट के सामने प्रगति रिपोर्ट भी पेश करें। हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि नदी को प्रदूषण और अवैध उत्खनन से बचाने के लिए शासन ने जो भी प्रयास किए हैं, जानकारी शपथ के साथ सामने लाएं।
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि पिछले साल बारिश के दौरान अवैध खनन से बने गड्ढे में तीन नाबालिग बच्चियों की डूबने से मौत हो चुकी है। घटना को  हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लिया। मामले की सुनवाई अभी भी चल रही है।
 कोर्ट को अरपा अर्पण महाअभियान समिति की तरफ से अधिवक्ता अंकित पांडेय ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अवैध उत्खनन के खिलाफ सख्त आदेश दिया है। आदेश में कहा गया है कि अवैध उत्खनन करने वालों के खिलाफ स्थानीय पुलिस बिना अनुमति FIR दर्ज कर सकती है। हाईकोर्ट ने राज्य शासन से कहा है कि प्रावधान की जांच करें। लागू करने को लेकर गंभीरता से विचार भी करें।
सरकार की तरफ से वकील ने बताया कि  छह सदस्यीय कमेटी खनिज नीति को लेकर काम कर रही है। कमेटी की रिपोर्ट पेश किया जाना है।  हाईकोर्ट रिपोर्ट जल्द से जल्द पेश किया जाए।

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