Chhattisgarh

CG News: छत्तीसगढ़ में बैन के बावजूद ऑनलाइन सट्टेबाजी जारी…हाईकोर्ट ने गृह सचिव से मांगा जवाब

CG News: छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध के बावजूद इसका धंधा बेरोकटोक जारी है। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के शुरू होते ही ऑनलाइन बेटिंग कंपनियों ने अपने पंपलेट और विज्ञापन जारी कर दिए हैं, जिससे यह साफ हो गया है कि बैन के बावजूद यह अवैध गतिविधियां खत्म नहीं हुई हैं।

CG News: इसी मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई, जिस पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा – बैन के बावजूद ऑनलाइन सट्टा कैसे जारी?
CG News: इस जनहित याचिका को रायपुर निवासी एस. नामदेव ने एडवोकेट अमृतो दास और वैभव तिवारी के माध्यम से दायर किया है। याचिका में यह तर्क दिया गया कि छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन सट्टे पर प्रतिबंध लगाया गया था, फिर भी कई कंपनियां खुलेआम डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए सट्टेबाजी कर रही हैं।

याचिका के साथ ही दो कंपनियों के दस्तावेज, IPL मैचों से जुड़े विज्ञापन और सट्टेबाजी को बढ़ावा देने वाले पंपलेट कोर्ट में पेश किए गए। इन सबूतों के आधार पर हाईकोर्ट ने गृह सचिव को आदेश दिया कि वह इस मामले में शपथपत्र के साथ विस्तृत जवाब प्रस्तुत करें।

राज्य सरकार को निगरानी के निर्देश, महाधिवक्ता ने ड्रीम 11 पर उठाए सवाल
हाईकोर्ट की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने ड्रीम 11 जैसे गेमिंग ऐप पर भी सवाल उठाए। इस पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह उन कंपनियों और प्लेटफॉर्म्स पर कार्रवाई करे, जिन पर याचिका दर्ज हुई है। साथ ही, सरकार को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि ड्रीम 11 जैसे गेमिंग प्लेटफॉर्म्स प्रदेश में कैसे संचालित हो रहे हैं और क्या वे किसी भी तरह से सट्टेबाजी को बढ़ावा दे रहे हैं।

ऑनलाइन बेटिंग का जाल – आम लोगों को करोड़ों जीतने का प्रलोभन
याचिका में यह भी बताया गया कि ऑनलाइन बेटिंग कंपनियां लोगों को कुछ रुपए दांव पर लगाकर करोड़ों जीतने का लालच दे रही हैं, जिससे युवा और आम नागरिक आसानी से इसके जाल में फंस रहे हैं। यह सट्टेबाजी न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि अपराध को भी बढ़ावा दे रही है।

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