अचानकमार में बाघों की धमक… वन मंत्री बोले—बन सकता है…सेंट्रल इंडिया का सबसे बड़ा टूरिज्म हब!

बिलासपुर…वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री केदार कश्यप ने बिलासपुर में वन विभाग की कार्य समीक्षा बैठक में इको-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अधिकारियों को विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बिलासपुर संभाग में प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर कई दर्शनीय स्थल हैं। यदि यहां तक पहुँचने की आसान सुविधाएं और बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किए जाएं, तो बड़ी संख्या में पर्यटक आकर्षित होंगे। इससे न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा बल्कि छत्तीसगढ़ की राष्ट्रीय पहचान भी और मजबूत होगी। बैठक मंथन सभाकक्ष में आयोजित की गई थी। पीसीसीएफ एवं वन बल प्रमुख वी. श्रीनिवास राव, लघु वनोपज सहकारी संघ के प्रबंध संचालक अनिल साहू, पीसीसीएफ वन्य प्राणी अरुण पांडे सहित सभी डीएफओ, सीसीएफ और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मजदूरी भुगतानी दीपावली से पहले
मंत्री कश्यप ने लगभग दो घंटे चली बैठक में वन मंडलवार योजनाओं की गहन समीक्षा की। उन्होंने तेंदूपत्ता पारिश्रमिक के बचे हुए 1.70 करोड़ का भुगतान दीपावली से पहले हर हाल में सुनिश्चित करने को कहा। बैंक खातों से जुड़ी तकनीकी अड़चनों को तत्काल दूर कर हितग्राहियों के खाते में राशि भेजने के निर्देश दिए गए।
अगले साल मिलेगा चरण पादुका
वन मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने बंद पड़ी चरण पादुका योजना को फिर से शुरू कर दिया है। इस वर्ष 12 लाख महिला संग्राहकों को चरण पादुका वितरित की जा चुकी है और अब अगले साल 12 लाख पुरुष संग्राहकों को भी इसका लाभ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए जल्दी से जल्दी पैर का नाप मुख्यालय भेजा जाए, ताकि खरीद प्रक्रिया समय पर शुरू की जा सके।
अचानकमार में बाघों की बढ़ी संख्या
बैठक में जानकारी दी गई कि अचानकमार अभ्यारण्य में बाघों की संख्या पिछले दो-तीन वर्षों में 5 से बढ़कर 18 हो गई है। मंत्री कश्यप ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अचानकमार सेंट्रल इंडिया का सबसे बड़ा पर्यटन हब बन सकता है। यहां हवाई, रेल और सड़क सभी तरह की कनेक्टिविटी मौजूद है। उन्होंने सुझाव दिया कि बड़े सेलिब्रिटी बुलाकर यहां प्रचार-प्रसार कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
कोपरा जलाशय को रामसर साइट
मंत्री कश्यप ने तखतपुर स्थित कोपरा जलाशय को रामसर साइट के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा। उन्होंने औरापानी, खुड़िया, कोटमी सोनार मगरमच्छ पार्क, गोमडॉ अभयारण्य, रामझरना रायगढ़, सत रेंगा कोरबा और बुका पिकनिक स्पॉट कटघोरा जैसे कई स्थलों को पर्यटन के दृष्टिकोण से और आकर्षक बनाने के निर्देश दिए।
हाथी-मानव द्वंद्व पर संतुलित दृष्टिकोण
हाथी-मानव संघर्ष पर मंत्री ने कहा कि हमें हाथियों के साथ सह-अस्तित्व की आदत डालनी होगी। उन्हें उनके रहवास से दूर भगाने की बजाय इस बात पर ध्यान देना होगा कि वे जनहानि या अन्य नुकसान न पहुंचा पाएं। उन्होंने कटघोरा वनमंडल में एआई आधारित हाथी जागरूकता ऐप की सराहना की।
वन पट्टा, नामांतरण की भी समीक्षा
मंत्री ने मैदानी क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी समुदायों तक वन विभाग की योजनाओं का लाभ अधिकाधिक पहुंचाने की बात कही। उन्होंने बताया कि संभाग में वन पट्टा नामांतरण व बटवारे के 366 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 84 का निराकरण हुआ है, जबकि 280 प्रकरण लंबित हैं। उन्होंने सभी लंबित मामलों के शीघ्र निपटारे के निर्देश दिए। कोरबा वन मंडल में सबसे अधिक नामांतरण प्रकरण लंबित पाए गए।
अधिकारियों की विशेष उपस्थिति
बैठक में ई-कुबेर ऐप, किसान वृक्षमित्र योजना, वनभूमि में अतिक्रमण और ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसी योजनाओं की भी समीक्षा की गई। मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि तय समय में लक्ष्य हासिल करने के लिए फील्ड पर तेजी से काम करें।