Mp top news: बिजली विभाग के संविदा कर्मियों का बड़ा आंदोलन, नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन तेज

Mp top news: छत्तीसगढ़ में बिजली विभाग के संविदा कर्मियों ने सोमवार को बड़े पैमाने पर धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया है।
यह आंदोलन सरकार से वर्षों से लंबित मांग—नए स्वीकृत पदों पर तत्काल नियमितीकरण—को लेकर किया जा रहा है।
कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कई बार वार्ता की पहल की, लेकिन न तो ऊर्जा मंत्री और न ही विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इससे जुड़े मुद्दों पर संवाद के लिए आगे आए।
संविदा कर्मियों में इस बात को लेकर जबरदस्त आक्रोश है कि सरकार उनकी सेवा और वर्षों के अनुभव को नजरअंदाज कर रही है।
लगभग 5,000 संविदा कर्मचारी इस समय ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन विभागों में कार्यरत हैं, जिनकी नियुक्ति पूरी पारदर्शिता के साथ—लिखित परीक्षा, इंटरव्यू और मेरिट के आधार पर—की गई थी। बावजूद इसके, 10 से 15 वर्षों तक सेवा देने के बाद भी उन्हें स्थायी करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
आंदोलनकारियों का कहना है कि वे दो बार ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर वार्ता के लिए समय मांग चुके हैं, लेकिन न तो सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली और न ही विभाग के अपर प्रमुख सचिव ने समय दिया।
इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार और विभाग संविदा कर्मियों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं हैं।
संविदा कर्मियों के अनुसार, लगातार उपेक्षा और अनिश्चित भविष्य से तंग आकर अब तक 100 से ज्यादा कर्मचारी इस्तीफा दे चुके हैं।
यदि यह आंदोलन तेज होता है, तो इसका सीधा असर प्रदेश की बिजली व्यवस्था पर पड़ सकता है।
मीटर रीडिंग, बिल वितरण, नए कनेक्शन, मेंटेनेंस और मरम्मत कार्य के साथ-साथ कार्यालयों का दैनिक प्रशासनिक कामकाज भी प्रभावित हो सकता है।