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दबंग बिल्डर ने सरकारी जमीन पर बनाया कालोनी…निजी जमीन पर आम रास्ता..शासन ने ठण्डे बस्ते में डाला हाईकोर्ट सीमांकन रिपोर्ट

तिफरा हल्का की सरकारी जमीन पर बिल्डर का कब्जा..रसूखदारों को बेचा जमीन

बिलासपुर—शासन के आदेश पर कलेक्टर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के खिलाफ लगातार कार्रवाई को अंजाम दे रहे हैं। बावजूद इसके कुछ दबंग बिल्डर अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐेसा ही एक मामला तिफरा पटवारी हल्का का सामने आया है। बिल्डर ने सरकार के साथ दूसरे की जमीन पर कब्जा कर ना केवल कालोनी बसा दिया है। बल्कि आमरास्ता भी निकाल दिया है। पीड़ित की गुहार पर हाईकोर्ट के निर्देश के बाद मामला अब जाकर सामने आया है। बावजूद इसके पीड़ित बिल्डर के पंजे से अपनी जमीन छुड़वाने के लिए कार्यालयों का चक्कर काटने को मजबूर है।

      मामला तिफरा हल्का पटवारी क्षेत्र का है। रसूखदार बिल्डर ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर कालोनी बना दिया है। इसके अलावा दूसरे की निजी जमीन पर दबंगई दिखाते हुए कब्जा कर कालोनी की सड़क बना लिया है।  पीड़ित निजी जमीन मालिक ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने 12 सदस्यीय जांच टीम का गठन कर सीमांकन रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया।

सीमांकन रिपोर्ट में बताया गया है कि खसरा नम्बर 193 सरकारी है। इस पर बिल्डर ने कब्जा कर कालोनी का 6 मकान बनाया और बेचा है। इसके अलावा सरकारी जमीन से लगे खसरा नम्बर 194 और खसरा नम्बर 195 अलग अलग लोगों को बेचा है। दोनों ही खसरे में सरकारी जमीन का भी कुछ हिस्सा है।

हाईकोर्ट को पेश किये गए सीमांकन रिपोर्ट में बताया गया है कि बिल्डर ने कालोनी वासियों  की निकासी के लिए खसरा नम्बर 304 को  आमरास्ता बनाया है। जबकि जमीन पीड़ित रमन दीप सलूजा का है। हाईकोर्ट ने रिपोर्ट को संज्ञान में लेकर पीड़ित को जमीन दिए जाने की बात कही है। बावजूद इसके पीड़ित जमीन मालिक  दर दर भटकने को मजबूर है। जबकि दबंग बिल्डर आज भी ना केवल सरकारी जमीन पर बल्कि पीड़ित की निजी जमीन पर कुण्डली मारकर बैठा है।

इसके अलावा शासन प्रशासन भी कब्जा की गयी अपनी जमीन को लेकर पूरी तरह उदासीन है। बताया जा रहा है कि बिल्डर शासन प्रशासन में अच्छी दखल रखता है। ऐसे में निजी तो दूर सरकारी जमीन को भी बिल्डर से खाली करवाने की मंशा शासन प्रशासन में दिखाई नहीं दे रहा है।

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