आवारा पशुओं पर कलेक्टर का फरमान..पुलिस अधिकारियों को बताया…पशु मालिकों पर दर्ज होगी एफआईआर

बिलासपुर…शहर और ग्रामीण इलाकों में लगातार बढ़ रही आवारा पशुओं की समस्या और उससे हो रही दुर्घटनाओं को लेकर अब प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने मंथन सभाकक्ष में एक अहम बैठक लेकर संबंधित विभागों को कड़े निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि अब यदि कोई पशु सार्वजनिक मार्गों पर छोड़ा गया पाया गया, तो उसके मालिक पर सीधे एफआईआर दर्ज की जाएगी।
“दुर्घटनाओं की वजह बन रहे पशु, अब बर्दाश्त नहीं”
बैठक में कलेक्टर ने चिंता जताई कि जिले में सड़कों पर घूम रहे आवारा मवेशी आए दिन दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं ।, जिससे आम नागरिकों की जान और पशुधन दोनों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा, “यदि पशु मालिक जिम्मेदारी नहीं निभाते, तो उन्हें कानून का सामना करना होगा।”
प्रभावी नियंत्रण के लिए संयुक्त टीमें गठित
प्रशासन ने निर्णय लिया है कि नगर निगम, नगर पालिकाएं और पशु चिकित्सा विभाग की संयुक्त टीमें बनाकर शहर के प्रत्येक ज़ोन में अभियान चलाया जाएगा। ये टीमें सड़कों पर घूमते मवेशियों की पहचान कर उनके मालिकों तक पहुंचेंगी और कार्रवाई करेंगी।
कानूनी कार्रवाई की पूरी तैयारी
पुलिस विभाग से डीएसपी राजेंद्र जायसवाल और डीएसपी अर्चना झा ने स्पष्ट किया कि पशु क्रूरता अधिनियम के तहत अब सार्वजनिक स्थलों पर मवेशी छोड़ने को अपराध की श्रेणी में माना जाएगा। पशु मालिक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रबंधन और जन-जागरूकता को बढ़ावा
बैठक में नगर निगम आयुक्त अमित कुमार और जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल ने सुझाव दिया कि हर ज़ोन में निगरानी टीम बनाई जाए । सुबह-शाम निरीक्षण कर पशुओं की पहचान करे। पशु मालिकों को पहले समझाइश दी जाए, और इसके बावजूद सुधार न होने पर कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाए।
जनभागीदारी पर भी जोर
कलेक्टर ने कहा कि “यह केवल प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज की भी जिम्मेदारी है।” उन्होंने निर्देश दिया कि चौक-चौराहों, सार्वजनिक स्थलों और पंचायतों में प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि पशु मालिकों को उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराया जा सके।