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Chhattisgarh Liquor Scam Case- शराब घोटाले का शिकंजा कसा! 2 साल से फरार कारोबारी विजय भाटिया दिल्ली में दबोचा गया, EOW की ताबड़तोड़ छापेमारी जारी

विजय भाटिया को दिल्ली से गिरफ्तार करने के बाद रायपुर लाया गया। रविवार को अवकाश होने के कारण उसे रिमांड कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ से उसे एक दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। अब सोमवार को भाटिया को ACB-EOW की स्पेशल कोर्ट में दोबारा पेश किया जाएगा

Chhattisgarh Liquor Scam Case/छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) की संयुक्त टीम ने दो साल से फरार चल रहे शराब कारोबारी विजय भाटिया को दिल्ली से धर दबोचा है। भाटिया की गिरफ्तारी के साथ ही EOW की टीमों ने दुर्ग-भिलाई स्थित उसके कई ठिकानों पर भी सघन छापेमारी की है, जिससे घोटाले से जुड़े और भी अहम सुराग मिलने की उम्मीद है।

जानकारी के मुताबिक, विजय भाटिया को दिल्ली से गिरफ्तार करने के बाद रायपुर लाया गया। रविवार को अवकाश होने के कारण उसे रिमांड कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ से उसे एक दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। अब सोमवार को भाटिया को ACB-EOW की स्पेशल कोर्ट में दोबारा पेश किया जाएगा। जांच एजेंसी आरोपी से गहन पूछताछ के लिए 14 दिन की रिमांड की मांग कर सकती है।Chhattisgarh Liquor Scam Case

भिलाई में सुबह से छापेमारी, नौकरों से भी पूछताछ
EOW के अधिकारी रविवार सुबह करीब 6 बजे ही भिलाई के नेहरू नगर स्थित विजय भाटिया के आवास पर पहुंच गए थे। दो अलग-अलग गाड़ियों में सवार ACB-EOW के सात अधिकारियों ने घर की गहन तलाशी ली और वहां मौजूद लोगों से लंबी पूछताछ की। छापेमारी के दौरान घर के नौकरों को भी काम करने की अनुमति दी गई, हालांकि उनसे भी अधिकारियों ने सवाल-जवाब किए। इस कार्रवाई में महिला पुलिसकर्मी भी शामिल रहीं।

दो साल पहले ED की रेड के बाद से था फरार
विजय भाटिया का नाम छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में प्रमुखता से सामने आया था। करीब दो साल पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उसके ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसके बाद से ही वह फरार चल रहा था। गौरतलब है कि ED ने यह छापेमारी तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जन्मदिन के दिन की थी, जिसमें उनके राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा, ओएसडी आशीष वर्मा, मनीष बंछोर और कारोबारी विजय भाटिया के घर शामिल थे। इस रेड को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच तीखी बयानबाजी हुई थी, और पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने इसे प्रधानमंत्री मोदी की ओर से दिया गया “बर्थडे गिफ्ट” करार दिया था।Chhattisgarh Liquor Scam Case

घोटाले की परतें: 2000 करोड़ से ज्यादा का घपला
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले की जांच ED भी कर रही है, और ED द्वारा ही ACB में FIR दर्ज कराई गई है। इस FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले का आरोप लगाया गया है। ED की जांच में यह बात सामने आई थी कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी ए.पी. त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के एक सिंडिकेट ने इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया था।

आरोप है कि साल 2019 से 2022 के बीच सरकारी शराब दुकानों से डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर अवैध शराब बेची गई, जिससे सरकारी खजाने को करोड़ों रुपए के राजस्व का भारी नुकसान हुआ।

हालिया छापेमारी में भी मिली थी बड़ी कामयाबी
विजय भाटिया की गिरफ्तारी से महज 12 दिन पहले ही ACB और EOW ने शराब घोटाले के सिलसिले में दुर्ग-भिलाई, धमतरी और महासमुंद समेत 39 जगहों पर एक साथ छापेमारी की थी। इस कार्रवाई में 90 लाख रुपए की नकदी, सोना-चांदी और कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए थे। तब भी भिलाई में हाउसिंग बोर्ड स्थित आम्रपाली अपार्टमेंट में अशोक अग्रवाल, नेहरू नगर में बंसी अग्रवाल और विशाल केजरीवाल, और खुर्सीपार में विनय अग्रवाल के ठिकानों पर दस्तावेजों की गहन जांच की गई थी।Chhattisgarh Liquor Scam Case

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