CG Liquor Scam-छत्तीसगढ़ शराब घोटाला…28 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ वारंट जारी, कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी
जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की सिंगल बेंच ने सभी याचिकाएं खारिज करते हुए कहा कि आरोपियों को निचली अदालत में आत्मसमर्पण करना होगा और वहीं से जमानत के लिए आवेदन करना होगा।

CG Liquor Scam-छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में एक बड़ा मोड़ आया है। विशेष अदालत ने 28 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। इन अधिकारियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है, क्योंकि हाल ही में हाईकोर्ट ने इनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी
CG Liquor Scam-आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की गिरफ्तारी से बचने के लिए इन 29 अधिकारियों ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी थी।
हालांकि, जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की सिंगल बेंच ने सभी याचिकाएं खारिज करते हुए कहा कि आरोपियों को निचली अदालत में आत्मसमर्पण करना होगा और वहीं से जमानत के लिए आवेदन करना होगा।
CG Liquor Scam-इस बड़े घोटाले का खुलासा होने के बाद, EOW ने इस मामले में चौथा पूरक चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया था। अब तक की जांच में यह सामने आया है कि इस सुनियोजित घोटाले को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के संरक्षण में अंजाम दिया गया था। इससे प्राप्त अवैध धन को आरोपियों ने अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक हितों के लिए खर्च किया है।
जांच से यह भी पता चला है कि 60,50,950 पेटी ‘बी-पार्ट’ शराब की अवैध बिक्री हुई, जिससे घोटाले की कुल राशि 3200 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। ‘बी-पार्ट’ शराब का मतलब वैध शासकीय दुकानों के समानांतर बेची जाने वाली अवैध शराब से है।
इस मामले में अब तक पूर्व मंत्री कवासी लखमा, अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और विजय भाटिया सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कुल 70 आरोपी इस मामले में नामजद हैं, जिनकी तलाश जारी है।