“79वें स्वतंत्रता दिवस पर एसईसीएल का राष्ट्रभक्ति का वचन — कोयलांचल से हरित ऊर्जा तक, विकास की नई मिसाल”

बिलासपुर। वसंत विहार खेल मैदान, एसईसीएल बिलासपुर में 79वां स्वतंत्रता दिवस देशभक्ति और उत्साह के बीच हर्षोल्लास से मनाया गया। मुख्य अतिथि एवं अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक श्री हरीश दुहन ने राष्ट्रीय ध्वज फहराकर परेड की सलामी ली और स्वतंत्रता संग्राम की भावना को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
अपने संबोधन में श्री दुहन ने कहा कि एसईसीएल राष्ट्र की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। उन्होंने गर्व के साथ बताया कि गेवरा खदान एशिया की सबसे बड़ी और विश्व की दूसरी सबसे बड़ी खदान है, जो तकनीकी प्रगति, कार्यकुशलता और टीम भावना का जीवंत उदाहरण है।
एसईसीएल ‘सस्टेनेबल माइनिंग’ की दिशा में भी अग्रणी है। भारत की पहली कोल पीएसयू के रूप में ‘Paste Fill Mining Technology’ अपनाने, अंडरग्राउंड उत्पादन में ‘Mass Production Technology’ को बढ़ावा देने और रेल कोरिडोर परियोजनाओं के जरिए भविष्य के कोयला प्रेषण की मजबूत नींव रखी जा रही है। अब तक 3 करोड़ से अधिक पौधारोपण और मियावाकी पद्धति से घने जंगल विकसित करने के साथ, 2030 तक 700 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है।
सीएसआर पहलों में ‘SECL की धड़कन’ योजना के तहत कोयलांचल के हृदय रोग से पीड़ित 139 से अधिक बच्चों की सफल सर्जरी हो चुकी है। वहीं ‘SECL के सुश्रुत’ योजना से कोयलांचल के 40 में से 31 बच्चों ने इस वर्ष NEET परीक्षा में सफलता पाई है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी उल्लेखनीय कदम उठाते हुए एसईसीएल ने कोल इंडिया की पहली पूर्णतः महिला-संचालित डिस्पेंसरी और कंडीशन बेस्ड मॉनिटरिंग लैब शुरू की है।
इससे पहले प्रशासनिक भवन प्रांगण में निदेशक (मानव संसाधन) श्री बिरंची दास ने शहीद स्मारक, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर प्रतिमा एवं खनिक प्रतिमा पर माल्यार्पण कर ध्वजारोहण किया। मुख्य समारोह में निदेशक तकनीकी (संचालन/योजना) श्री एन. फ्रैंकलिन जयकुमार, निदेशक (वित्त) श्री डी. सुनील कुमार, सीवीओ श्री हिमांशु जैन, श्रद्धा महिला मंडल अध्यक्षा श्रीमती शशि दुहन सहित अधिकारी-कर्मचारी, श्रम संघ प्रतिनिधि और स्कूली बच्चे मौजूद रहे।
बच्चों ने देशभक्ति गीत-नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। इस दौरान परेड में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दलों और कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्री शेख जाकिर हुसैन और श्री एम.पी. जांगड़े ने किया। कबूतर और गुब्बारे छोड़कर सभी ने शांति और एकता का संदेश दिया।