BilaspurChhattisgarh

अब इस कांग्रेस नेता ने फोड़ा बम…पीसीसी अध्यक्ष से कहा था..दूंगा इस्तीफा..फिर किस बात की देरी…बताएं..लोकसभा चुनाव में निर्दलीय को किसने उतारा

विधानसभा में समन्वय की बात...लोकसभा में भीतरघात की बात

बिलासपुर—निकाय चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में बयान और निष्कासन सिलसिला रोकने के तमाम प्रयासों के बीच थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब रतनपुर ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष और नगर पंचायत पूर्व अध्यक्ष रमेश सूर्या ने बयान बम फोड़ दिया है। सूर्या ने पत्रकारों को बताया कि कोटा कांग्रेस की परम्परागत सीट है। यहां से कांग्रेस की हार की कल्पना किसी को नहीं थी। बावजूद इसके तीन नगरपालिका और एक नगर पंचायत में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। कोटा विधायक ने मेरा सीट काटकर…अपने चहेते को दिया। रमेश सूर्या ने बताया कि कोटा विधायक ने टिकट दिलवाते समय दीपक बैज से कहा था कि यदि प्रत्याशी हार गया तो पद से इस्तीफा दे दूंगा। इसलिए विधायक को नैतिक आधार इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होने कांग्रेस संगठन को बरबाद किया है।   

       अब रतनपुर ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष रमेश सूर्या ने कोटा विधायक के खिलाफ बयान बम फोड़ा है। रमेश सूर्या ने बताया कि यदि उसे टिकट मिलता तो रनतपुर में कांग्रेस को शर्मनाक हार का सामना नहीं करना पड़ता।    पर संगठन को कमजोर करने का आरोप लगाया है।  रमेश ने बताया कि पीसीसी के सामने टिकट वितरण के समय कोटा विधायक ने रतनपुर नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए अपने आदमी को टिकट दिलाया। उन्होने दीपक बैज से कहा था कि यदि उनका प्रत्याशी हार गया तो वह इस्तीफा दे देंगे। अब परिणाम भी आ गया है…इसलिए विधायक को नैतिक जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा देना चाहिए। 

  रमेश सूर्या ने गंभीर आरोप लगाया कि कोटा विधायक ने संगठन को हमेशा कमजोर करने का काम किया है। विधानसभा चुनाव के दौरान इन्होने कहा कि सांमजस्य बनाकर काम करना चाहिए। मैं ब्लाक कांग्रेस की हैसियत से काम किया। चुनाव जीताने में सहयोग किया। लेकिन लोकसभा चुनाव के समय सामंजस्य की बात नहीं की। उन्होने कहा कि बूथ से लेकर हर जगह ब्लाक कांग्रेस कमेटी के लोग नहीं बैठेंगे। उनके  व्यक्तिगत लोग ही जिम्मेदारी संभालेंगे। मैने इसका विरोध किया था। पीसीसी प्रमुख को पत्र लिखकर बताया था कि विधायक कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ रहे है। तत्कालीन समय मीडिया में लेटर बम  के नाम से खबर छपी। 

  हार जीत और टिकट के लिए संगठन जिम्मेदार है। सवाल पर रमेश सूर्या ने कहा कि विधायक ने टिकट वितरण के समय जबरदस्ती किया। मेरा काटकर अपने आदमी को दिलाया है। उन्होने दीपक बैज से कहा था कि यदि हार मिली तो इस्तीफा देंगे। मेरा कहना है कि जब उन्होने कहा था तो इस्तीफा देना चाहिए। इसमें संगठन की बात आती ही नहीं है। जबकि दीपक बैज को मैने कहा था कि चुनाव लड़ूंगा…इसलिए मैं अध्यक्ष पद का  चुनवा लड़ा। यद्यपि विजय केशरवानी ने फोन से,मिलकर और कई लोगों के माध्यम से चुनाव लड़ने से रोका…

 रमेश सूर्या ने बताया कि 1998 से 2003 तक निर्दलीय चुनाव जीतकर नगर पंचायत का अध्यक्ष बना। कांग्रेस में शामिल हुआ। मैने राजेन्द्र शुक्ला के साथ काम किया है। 2019 में भी जीत हासिल किया। रतनपुर में दो बार अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल चुका हूं।  मैने 22 साल में रतनपुर के लिए काम किया है। एक समय रतनपुर में चार कार्यकर्ताओं का टोंटा था। आज चार हजार से अधिक कार्यकर्ता है। सब मैने बनाया है। आज मुझे ही चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है। 

एक सवाल के जवाब में सूर्या ने आरोप लगाया कि कोटा विधायक संगठन से अलग अपनी टीम खड़ा करना चाहते है। लोकसभा चुनाव के दौरान  देवेन्द्र यादव के खिलाफ सुदीप श्रीवास्तव को खड़ा किया गया। जबकि सबको मालूम है कि सुदीप श्रीवास्तव कौन है। भूपेश सरकार में उनकी क्या भूमिका थी। ऐसा क्या हो गया कि वह देवेद्र् यादव के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़े। दरअसल कांग्रेस को सोची समझी रणनीति के तहत कमजोर किया जा रहा है। संगठन से जुड़े लोगों को काम करने से रोका जा रहा है। 

 आप खुद बांगी प्रत्याशी बनकर चुनाव लड़े। आपकी बात को क्यों माने…सवाल पर ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आप डमी प्रत्याशी को क्यों खड़ा किए। मैं डरता नहीं हूं…संगठन हित के लिए सच बोलने से मुझे कोई रोक नहीं सकता है। मैने कहा था कि लोकसभा विधानसभा चुनाव बड़े नेताओं का है। लोकल चुनाव में हमारा तुम्हारा ठीक नहीं है।

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