Bilaspur

जनता रोए खूंन के आंसू..रेलवे अधिकारियों का वेलफेयर..भाजपा नेता का सवाल..किसने दी इजाजत..DRUCC, ZRUCC की बैठक को बनाया मजाक

पूर्व एल्डरमैन ने कहा..संभल जाओ अन्यथा उग्र जनता मांगेगी जवाब

बिलासपुर—भाजपा युूवा नेता पूर्व एल्डरमैन ने रेलवे की गतिविधियों पर जमकर निशाना साधा है। प्रेस नोट जारी कर मनीष अग्रवाल ने कहा कि रेलवे अधिकारियों की मनमानी ने जनता का जीना मुश्किल कर दिया है।ऐसा लगता है कि जनप्रतिनिधियों की टीम अधिकारियों के साथ केवल बैठक की खानापूर्ति कर रहे है। सच तो यह है कि अधिकारी सुविधा के नाम पर जनता के लिए सिर्फ परेशानी पैदा कर रहे हैं। यदि ऐसा ही रहा तो वह दिन दूर नहीं जब जनता अधिकारियों को नसीहत देने सड़क पर उतरने को मजबूर होगी। 
युवा नेता की रेलवे को खरी खोटी
युवा नेता पूर्व एल्डरमैन ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन और खासकर  बिलासपुर मण्डल के अधिकारियों पर लालाफीता शाही का आरोप लगाया है। मनीष ने कहा कि रेलवे की कार्य गतिविधियों को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे उन्होने जोन और मण्डल को अपनी जागीर समझ लिया है। मनीष ने बताया कि बिलासपुर डिवीजन के कोरबा, रायगढ़ शहडोल , अन्य स्थानों पर आरक्षित टिकट काउंटर की संख्या को बिना किसी पूर्व सूचना के कम कर दिया है। जबकि टिकट काउन्टर की संख्या को बढ़ाया जाना चाहिए था। लगातार शिकायत के बाद भी रेलवे प्रशासन अपनी तानाशाही से बाज नहीं आ रहा है। धीरे धीरे कर कैश काउंटर को छोड़कर सारे काउंटर को बन्द कर दिया है। दुख की बात है कि अधिकारियों ने तुगलकी फरमान जारी कर  सीनियर सिटीजन विकलांग काउंटर को भी बन्द कर दिया है।
क्या चाय पानी के लिए हो रही बैठक
मनीष ने सवाल किया कि आखिर इस प्रकार का तुगलकी फरमान जारी किसने किया है। रेलवे प्रबंधन को इसका जवाब देना ही होगा। सवाल यह भी उठता है कि आखिर  डीआरयूसीसी और जेडआरयूसीसी की बैठक में शामिल होने वाले हमारे जनप्रतिधि करते क्या है।  क्या सिर्फ नाश्ता पानी करने के लिए बैठक में शामिल होते है। अधिकारियों के हां में हां मिलाकर अपना पेट तो भर लेते हैं..और जनता की परेशानियों से पल्ला झाड़ लेते हैं। और इसके बाद अधिकारी अपनी मनमानी से बाज नहीं आते है।
 गरीबों और बुजुर्गों का जीना मुश्किल
मनीष ने नाराजगी जाहिर करते हुए बताया कि फिलहाल संभव नहीं है कि सभी उपभोक्ता ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा रखते हों।  वृद्ध जन, विकलांगों को आनलाइन टिकटिंग की जानकारी आज भी नहीं है। आज भी गरीबों के पास एन्ड्रायड मोबाइल नहीं है। आखिर इसकी जानकारी रेलवे को कब होगी। दरअसल आधुनिक होने की दिखावा में रेलवे अधिकारियों ने गरीबों और बुजुर्गों का जीना मुश्किल कर दिया है।
खून के आंसू रूला रहा रेलवे
मनीष ने बताया कि रेल विभाग के अधिकारी किसी भी शिकायत पर स्टेशन जीणोद्धार का रोना रोते है। नवनिर्माण सौंदर्यीकरण जनता की सुविधाओ को छीनने से बाज नहीं आ रहे है। आज भी लोगों को ऑटोमेटिक मशीन संचालित करना नहीं आता है। मजबूरी में लोग बेटिकट यात्रा को मजबूर होते है। बाद में उन्हें भारी भरकम पेनाल्टी देना पड़ता है। दरअसल भविष्य की सुविधा के नाम पर बिलासपुर की जनता को रेल प्रशासन खून के आंसू रूला रहा है।
अधिकारियों का वेलफेयर
मनीष कहा कि बिना बताए रेलवे प्रशासन ने तहसील कार्यालय स्थित टिकट काउन्टर बन्द कर दिया। अब रोना रो रहा है कि उन्हें नया भवन नहीं दिया इसलिए टिकट काउन्टर बन्द करना पड़ा। भाजपा नेता ने बताया कि रेलवे वेलफेयर फंड से सेक्रो मेला का आयोजन सिर्फ रेलवे के उच्च अधिकारियों का वेलफेयर होता है। यह बहुत तक चलने वाला नहीं है। रेलवे अधिकारियों को कागजी घोड़ा दौड़ने के अलावा जमीन पर कुछ काम करना पड़ेगा। अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब नाराज जनता के सामने रेलवे अधिकारियों को जवाब देने को मजबूर होना पडेगा।

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