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मरीज को अस्पताल से निकला.. डॉक्टर पर FIR दर्ज

अंबिकापुर..“जहां डॉक्टर को ईश्वर का दर्जा दिया जाता है, वहीं अगर वही मरीज के प्रति संवेदनहीन हो जाए, तो न्याय की शरण लेना अनिवार्य हो जाता है।” अंबिकापुर के एक निजी अस्पताल महावीर हॉस्पिटल में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां इलाज में लापरवाही और परिजनों के साथ दुर्व्यवहार के आरोप में डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

यह कार्रवाई स्थानीय न्यायालय के स्पष्ट आदेश पर की गई है। जानकारी के अनुसार, गांधीनगर थाना पुलिस ने डॉ. सुधांशु किरण, जो महावीर हॉस्पिटल के संचालक भी हैं, के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

आरोप क्या हैं?

पीड़ित नीरज वर्मा ने आरोप लगाया है कि उनकी पुत्री के इलाज के दौरान डॉ. किरण ने गंभीर लापरवाही बरती और जब परिजनों ने सवाल उठाए, तो उन्हें अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया। यही नहीं, उन्हें न तो इलाज से संबंधित फाइलें दी गईं और न ही जांच रिपोर्ट सौंपी गई।

इस पूरे घटनाक्रम से आहत होकर पीड़ित परिवार ने न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया। आदेश के पालन में गांधीनगर पुलिस ने आरोपी डॉक्टर के विरुद्ध मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है

न्यायिक हस्तक्षेप क्यों ज़रूरी?

यह मामला दर्शाता है कि जब चिकित्सा व्यवस्था में जवाबदेही की कमी होती है, तो न्यायालय का हस्तक्षेप ज़रूरी हो जाता है। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर चिकित्सा पेशे की नैतिक जिम्मेदारियों और मरीजों के अधिकारों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

आगे क्या?

पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है और अब आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है। देखना यह होगा कि जांच में क्या निष्कर्ष निकलते हैं और क्या दोषी को सज़ा मिलती है या नहीं।

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