Big news
पुलिस की ऐसी संवेदनशीलता..शहर ने दिया बढ़ चढ़कर साथ..और जुड़वा क्रिटिकल बच्चे अति कम समय में पहुंच गए एअरपोर्ट
ग्रीन कारिडोर और कप्तान की संवेदनशीलता की नगर में चर्चा

Join WhatsApp Group यहाँ क्लिक करे
बिलासपुर—-बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में इलाजरत प्रीमेच्योर जुड़वा नन्हीं जिंदगियों की नाजुक स्थिति को ध्यान में रखते हुए परिजनों के आग्रह पर पुलिस ने कुछ विशेष कर मानवीय संवेदनशीलता का परिचय दिया है। बिलासपुर यातायात पुलिस ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देश पर तत्काल निर्बाध यातायात व्यवस्था के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया। देखते ही देखते यातायात पुलिस टीम ने मध्य नगरी स्थित निजी हॉस्पिटल से एयरपोर्ट तक यातायात व्यवस्था को सुगम बनाते हुए ना केवल ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया। बल्कि बच्चों को एअरपोर्ट तक पहुंचाकर हैदराबाद भी रवाना किया। पुलिस की संवेदनशीलत को लेकर नगर में जमकर चर्चा है।
पुलिस की संवेदनशीलता और ग्रीन कॉरिडोर
जानकारी देते चलें कि मध्य नगरी चौक स्थित निजी अस्पताल से चकरभाठा एयरपोर्ट तक नवजात जुड़वा नन्ही जिंदगी को बचाने के लिए पुलिस ने अतिसंवेदनशीलता का परिचय दिया है। डाक्टर की मांग पर पुलिस कप्तान ने तत्काल मध्यनगरी चौक से चकरभाठा एअरपोर्ट तक निर्वाध एम्बुलेन्स यातायात का फरमान सुनाया। देखते ही देखते यातायात और थाना पुलिस टीम ने चन्द मिनट के अन्दर एअरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर तैयार कर दिया। ASP ट्रेफिक ने पायलटिंग करते हुए एम्बूलेन्स को निर्बाध रूप से अति अल्प समय में एयरपोर्ट तक पहुंचा भी दिया।
बिलासपुर शहर ने बी जानकारी के बाद यातायात व्यवस्था को निर्वाध यातायात व्यस्था बनाने में इंसानियत का मिसाल पेश किया। जिसके चलते ग्रीन कॉरिडोर में एंबुलेंस जाने के दौरान किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं हुई। यातायात पुलिस ने मुस्तैदी और चुस्ती से “नो मेंस- नो वेहीकल” के रूप में रोड को जीरो किया। एम्बुलेंस को एअरपोर्ट तक जाने के दौरान कोई बाधा की स्थिति निर्मित नही होने दिया।
क्या हुआ..कैसे हुआ
मामला प्रीमैच्योर जुड़वा बच्चों का है… जन्म के बाद दोनों बच्चों की स्थित क्रिटिकल स्टेज में थे। दोनों बच्चों का वजन और प्लेटलेट्स बेहद कम था। नन्हे बच्चो के परिजन ने नाजुक हालत में पैदा हुए नवजातों के बेहतर इलाज के लिए हैदराबाद ले जाने का निर्णय लिया। लेकिन हालत नाजुक देख उन्हें और सुरक्षित एयर एंबुलेंस तक पहुंचाना चुनौतीपूर्ण था।
एयर एंबुलेंस चकरभाटा एयरपोर्ट पर मौजूद थी। बच्चों को शहर के मध्यनगरी के पास निजी अस्पताल से एअरपोर्ट तक पहुंचना बड़ी चुनौती थी।हैदराबाद के डॉक्टरों टीम भी नन्ही जिंदगियों की नाजुक स्थिति को देखते हुए हैदराबाद से बिलासपुर के निजी अस्पताल में पूरे टीम सहित पहुंची थी।
रजनेश सिंह ने उठाया बीड़ा
मामले की जानकारी वरिष्ठ पुलिस कप्तान रजनेश सिंह तक पहुंची। उन्होने तत्काल अपनी टीम को तैयार किया। तत्काल मध्यनगरी चौक से एअरपोर्ट तक ग्रीन कारिडोर बनाने का फरमान सुनाया। दोपहर 12:30 बजे, एंबुलेंस को अस्पताल से निकाला गया। चन्द मिनटों में एम्बुलेन्स चकरभाठा एअरपोर्ट पहुंच गया।
कप्तान की पल पल पर नजर
पूरी कार्रवाई के दौरान रजनेश सिंह के आदेश पर अतिरिक्त पुलिस कप्तान यातायात रामगोपाल करियारे ने शहर के प्रत्येक चौक चौराहों समेत अन्य प्रमुख स्थानों पर ट्रैफिक जवान मुस्तैदी से तैनात किया। दोनो बच्चों को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ट्रैफिक की निगमबानी में ग्रीन कॉरिडोर के रास्ते सुरक्षित एअरपोर्ट तक पहुंचाया गया। इस दौरान पूरी व्यवस्था पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह की नजर पल पल की गतिविधियों पर रही।
नगर में जमकर चर्चा
इसके अलावा कम समय में ग्रीन कोरिडोर का बनना और पुलिस कप्तान की संवेदनशील व्यवस्था को लेकर नगर में जमकर चर्चा है। सभी को विश्वास है कि पुलिस कप्तान का प्रयास परिणाम के साथ सामने आएगा। दोनों बच्चे माता पिता के साथ जल्द ही अपने घर लौटेंगे।