जशपुर में स्टूडेंट सैटेलाइट ट्रेनिंग वर्कशॉप का हुआ संपन्न

जशपुर/कलेक्टर रोहित व्यास और सीईओ जिला पंचायत अभिषेक कुमार के मार्गदर्शन में जिले में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति विद्यार्थियों की रुचि और नवाचार क्षमता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से स्टूडेंट सैटेलाइट ट्रेनिंग वर्कशॉप कार्यक्रम संपन्न हुआ।
शिक्षा विभाग के प्रभारी अधिकारी प्रशांत कुशवाहा और जिला शिक्षा अधिकारी पी के भटनागर के निर्देशन में यह कार्यशाला 14 जुलाई से प्रारंभ हुई थी।
कार्यशाला में जिले के 50 होनहार विद्यार्थियों को कई वैज्ञानिकों से बातचीत करने का अवसर मिला। इग्नाइटिंग ड्रीम्स ऑफ यंग माइंड्स फाउंडेशन विशेषज्ञ युवा वैज्ञानिक रत्नेश मिश्रा और शिव सिंह भदोरिया के सहयोग से किया गया है।
वर्कशॉप में विद्यार्थियों को स्टूडेंट सैटेलाइट निर्माण की संपूर्ण प्रक्रिया ये विषय में बताया गया। सैटेलाइट के प्रमुख भाग, लॉन्चिंग से सेटेलाइट डिप्लॉयमेंट तक की विस्तृत जानकारी दे गई।
सौर पैनल, बैटरी और पावर मैनेजमेंट यूनिट,एंटीना और ट्रांससीवर, ऑनबोर्ड कंप्यूटर, सेंसर, सैटेलाइट का ढांचा, सैटेलाइट की दिशा और स्थिति नियंत्रित करने वाला सिस्टम, थर्मल कंट्रोल सिस्टम के विषय में बताया गया।
सैटेलाइट का कार्य, कक्षा में स्थापना, माइक्रो सैटेलाइट एवं क्यूब सैट जैसी श्रेणियां, पृथ्वी के चारों ओर घूमने वाले उपग्रहों की गति और उनके उपयोग, सैटेलाइट डेटा का उपयोग, मौसम पूर्वानुमान, संचार, भू-मानचित्रण,प्रोटोटाइप बनाना, प्रैक्टिकल मॉडल पर कार्य करना विद्यार्थियों ने सीखा।
जिले के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थी इस कार्यशाला में सम्मिलित रहे।
इग्नाइटिंग ड्रीम्स ऑफ़ यंग फाउंडेशन अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अभी तक 5 लाख विद्यार्थियों को जोड चुका है, यह इसरो से रजिस्टर्ड एक ट्यूटर संस्था है, छत्तीसगढ़ में इनकी अंतरिक्ष की एक प्रयोगशाला भी है।
कार्यक्रम में इग्नाइटिंग ड्रीम ऑफ़ यंग माइंड्स फाउंडेशन के प्रेम प्रकाश देवांगन और दुर्गेश कुमार का भी सहयोग रहा। यह अभिनव पहल न केवल विद्यार्थियों को विज्ञान के क्षेत्र में प्रेरित कर रही है, बल्कि उनके अंदर वैज्ञानिक सोच, टीमवर्क और रचनात्मकता भी विकसित कर रही है।