स्वतंत्रता दिवस पर शिक्षक की शर्मनाक करतूत – शराब में धुत अस्पताल में किया जमकर तोड़फोड़ . कानून को ठेंगा दिखाना पड़ा भारी

बलरामपुर (पृथ्वी लाल केशरी)..स्वतंत्रता दिवस की शाम जब पूरा देश आज़ादी का जश्न मना रहा था, उसी वक्त बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के शंकरगढ़ थाना क्षेत्र से एक शर्मनाक घटना सामने आई। शराब के नशे में धुत एक शासकीय शिक्षक ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जमकर उत्पात मचाया। मारपीट और तोड़फोड़ करने वाले इस शिक्षक की हरकतों से जिला सुर्खियों का केंद्र बन गया।
सूत्रों के अनुसार, 15 अगस्त की रात करीब 7:30 बजे आरोपी शिक्षक प्रबोध एक्का शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रेहड़ा में पदस्थ है।
आरोपी शिक्षक शराब के नशे में अस्पताल पहुंचा। अस्पताल में मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों से विवाद करने लगा। गाली-गलौज, मारपीट के साथ नशेड़ी शिक्षक ने बीपी मशीन और इंजेक्शन टेकिंग रूम की सामग्री तोड़ना शुरू कर दिया। जानकारी मिलते ही पुलिस टीम अस्पताल पहुँच गयी। पुलिस टीम ने नशेड़ी आरोपी शिक्षक को परिजनों की मदद से किसी तरह काबू मे किया।
खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. आफताब अंसारी की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 296, 351(2), 115(2), 132, 221, 324(3), और लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3, छत्तीसगढ़ आबकारी एक्ट की धारा 36(च)(2), चिकित्सा सेवक एवं चिकित्सा सेवा संस्थान (हिंसा एवं संपत्ति क्षति निवारण) अधिनियम 2010 की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया। न्यायालय में पेशी के बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
शपथ कागज़ों में, व्यवहार में नदारद
गौरतलब है कि जिले में समय-समय पर शासन-प्रशासन द्वारा नशा मुक्ति अभियान के तहत शासकीय सेवकों को शपथ दिलाई जाती है। बावजूद इसके, शिक्षकों और कर्मचारियों द्वारा खुलेआम शराबखोरी और उत्पात यह दर्शाता है कि शासन-प्रशासन का भय बिल्कुल समाप्त हो चुका है। कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते ऐसे कारनामे आम जनता के बीच चर्चा का विषय बन गए हैं।
जनता की चिंता बढ़ी
जिले के लोगों का कहना है कि जब जिम्मेदार शिक्षक ही शराब के नशे में उत्पात मचाएंगे तो समाज को क्या संदेश मिलेगा? सवाल उठ रहा है कि प्रशासन ऐसे मामलों में केवल औपचारिक कार्यवाही तक सीमित रहेगा या फिर कठोर कदम उठाकर अन्य कर्मचारियों के लिए नजीर पेश करेगा।