Sankashti Chaturthi 2025:गणपति की कृपा पाने के लिए करें यह विशेष पूजा और भोग

Sankashti Chaturthi 2025:हिंदू धर्म में चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व होता है, लेकिन चैत्र माह की संकष्टी चतुर्थी का स्थान और भी खास माना जाता है। इसे भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है और इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से समस्त कष्टों का नाश होता है।
Sankashti Chaturthi 2025:इस वर्ष भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 17 मार्च 2025 को पड़ रही है और इसका समापन 18 मार्च की रात 10:09 बजे होगा। मान्यता है कि इस दिन गणपति बप्पा की पूजा और व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
Sankashti Chaturthi 2025:अगर आप भी इस दिन व्रत रखते हैं, तो भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष भोग अर्पित करना बेहद जरूरी है।
गणेश पूजा के शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय
17 मार्च 2025 की शाम 7:33 बजे से भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी की तिथि प्रारंभ होगी और 18 मार्च की रात 10:09 बजे समाप्त होगी। इस दिन चंद्रोदय का समय रात 9:22 बजे होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गणपति बप्पा की पूजा करने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देना बेहद आवश्यक होता है, तभी व्रत का पूरा फल प्राप्त होता है।
गणपति को प्रिय भोग अर्पित करने से मिलेगा विशेष आशीर्वाद/Sankashti Chaturthi 2025
गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा में कुछ विशेष भोग चढ़ाने का विधान है। कहते हैं कि सही भोग अर्पित करने से बप्पा जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
मोदक: गणपति जी को सबसे अधिक प्रिय मोदक का भोग है। मान्यता है कि मोदक के सेवन से बुद्धि तेज होती है और ज्ञान की प्राप्ति होती है। इसलिए भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी पर गणपति बप्पा को मोदक जरूर चढ़ाने चाहिए।
बूंदी के लड्डू: गणपति बप्पा को बूंदी के लड्डू भी बहुत पसंद हैं। संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा के बाद गणेश जी को बूंदी के लड्डू अर्पित करना शुभ माना जाता है। इससे जीवन में समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
चावल की खीर: पूजा में खीर का भोग लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है और भगवान गणेश की विशेष कृपा बनी रहती है। कहते हैं कि चावल की खीर का भोग गणेश जी को अत्यधिक प्रिय है और इसे चढ़ाने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
नारियल और केले: भगवान गणेश को नारियल और केला अर्पित करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। मान्यता है कि गणपति बप्पा को नारियल चढ़ाने से जीवन में आ रही सभी रुकावटें दूर होती हैं और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से मिलते हैं ये लाभ
गणपति जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है, अर्थात वे भक्तों के सभी कष्टों और बाधाओं का नाश करते हैं। भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं, पारिवारिक सुख-शांति बनी रहती है और जीवन में सभी समस्याएं समाप्त होती हैं। इस दिन विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करने और उन्हें प्रिय भोग अर्पित करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। Sankashti Chaturthi 2025