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Purnima Pitra Dosh Upay-चैत्र पूर्णिमा 2025: पितृ दोष से मुक्ति पाने का सबसे शुभ दिन, जानिए संपूर्ण विधि और उपाय

धार्मिक मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से आय, आयु और सौभाग्य में वृद्धि होती है. साथ ही, इस दिन कुछ आसान उपाय करने से व्यक्ति पितृ दोष से भी मुक्ति पा सकता है. आइए आपको बताते हैं चैत्र पूर्णिमा पर पितृ दोष दूर करने के लिए कुछ सरल उपाय.

Purnima Pitra Dosh Upay/हिंदू पंचांग में चैत्र पूर्णिमा का विशेष महत्व है और यह दिन केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति और पूर्वजों की शांति के लिए भी सर्वोत्तम माना गया है। वर्ष 2025 में चैत्र पूर्णिमा 12 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दिन चंद्रोदय शाम 6:18 बजे होगा, जो साधकों के लिए विशेष संयोग लेकर आएगा। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान कर भगवान शिव और विष्णु की आराधना करने से जीवन के सभी पापों का नाश होता है और मनचाहा वरदान प्राप्त होता है।

Purnima Pitra Dosh Upay/चैत्र पूर्णिमा पर पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए किए जाने वाले उपाय अत्यंत फलदायी माने जाते हैं। यदि आपके जीवन में बार-बार समस्याएं आ रही हैं, कार्य बनते-बनते बिगड़ रहे हैं या संतान सुख में रुकावट है, तो यह पितृ दोष के संकेत हो सकते हैं। ऐसे में इस पावन दिन पर कुछ विशेष उपाय करके आप पूर्वजों की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

Purnima Pitra Dosh Upay/इस दिन प्रातःकाल पवित्र नदियों, विशेषकर गंगा स्नान करना अति शुभ माना गया है। यदि गंगा स्नान संभव न हो तो घर के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान के उपरांत सूर्य को अर्घ्य दें और अपने पितरों का ध्यान करते हुए “ॐ पितृभ्यः नमः” मंत्र का जाप करें। घर की दक्षिण दिशा में चौमुखी दीपक जलाना भी शुभ होता है क्योंकि यह दिशा पितरों की मानी जाती है।

Purnima Pitra Dosh Upay/पीपल वृक्ष पर जल चढ़ाकर उसकी सात बार परिक्रमा करने से भी पितृ दोष की शांति होती है। इसके साथ ही काले तिल, वस्त्र और अन्न का दान करने से पितरों को संतोष मिलता है। साथ ही कौओं, गायों और कुत्तों को भोजन कराना भी पितृ तृप्ति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

यदि आप मंत्रों के माध्यम से पितृ दोष का निवारण करना चाहते हैं तो “ॐ श्री सर्व पितृ देवताभ्यो नमो नमः”, “ॐ प्रथम पितृ नारायणाय नमः”, और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” जैसे पवित्र मंत्रों का जाप अत्यंत लाभकारी रहेगा।

साथ ही शिवलिंग पर दूध, तिल, बेलपत्र, और धतूरा अर्पित करें, जिससे भगवान शिव की कृपा से पितृ दोष शांत होता है।

इस दिन विधिवत तर्पण, श्राद्ध और मंत्र जाप के माध्यम से यदि श्रद्धापूर्वक पूर्वजों को याद किया जाए, तो न केवल उनकी आत्मा को शांति मिलती है, बल्कि परिवार में भी सुख-शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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