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सचिव हड़ताल पर..गांव में पानी के लिए त्राहि त्राहि…कांग्रेस नेता ने कहा…बेखबर प्रशासन तिहार में मस्त..बताएं..कब देंगे पानी
सेमरा,भरारी, परसदा,सिंघरी,पौसरा,बैमा,नगोई, समेत दर्जनों में पानी की त्राहि त्राहि

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बिलासपुर–गर्मी के साथ पेयजल की समस्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ गयी है। खासकर ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की समस्या कुछ ज्यादा है। तमाम प्रयास के बाद भी प्रशासन का ध्यान अभी तक ग्रामीण पेयजल समस्या की तरफ नहीं है। जिसके चलते ग्रामीणों में निस्तारी के लिए पानी को लेकर त्राहि त्राहि है। बावजूद इसके शासन प्रशासन सुशासन तिहार में मस्त है। कांग्रेस नेता अंकित गौरहा ने कहा कि यदि प्रशासन ने पेयजल की समस्या को गंभीरता से नहीं लिया तो…जनता के साथ व्यापक स्तर पर अधिकारियों का घेराव किया जाएगा।
बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस नेता और जिला कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष अंकित गौरहा ने ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या को लेकर चिंता जाहिर किया है। अंकित ने कहा कि पंचायत में चुनकर आए जनप्रतिनिधि जनता की परेशानियों के प्रति पूरी तरह से उदासीन हैं। ऐसा लगता है कि प्रशासन भी हाथ पर हाथ रखकर बैठा है। अधिकारियों को लगता है कि सुशासन तिहार मना लेने मात्र से जनता की पेयजल समस्या अपने आप खत्म हो जाएगी।
चिंता जाहिर करते हुए अंकित ने कहा करीब दो फखवाड़े से सचिव हड़ताल पर हैं। वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से ग्रामीण जनता का हाल बेहाल है। अधिकारी सुशान तिहार में व्यस्त हैं। इसके चलते पेयजल की समस्या को कोई सुनने वाला नही है। कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ की पंचायती राज व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है।
गौरहा ने बताया कि भाजपा ने वादा किया था कि सरकार बनाने के बाद ग्राम पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाएगा। लेकिन सरकार ने ऐसा कुछ किया नहीं। नाराज ग्राम पंचायत सचिव अपनी मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। इसका सीधा असर जनता जनार्दन पर दिखाई दे रहा है। हाल बेहाल जनता पानी समेत अपनी मूल भूत सुविधाओं के लिए गुहार लगा रही है। लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है।
अंकित ने कहा प्रदेश में मोदी गारंटी फेल होते दिख रही है। मतलब मोदी गारंटी अब नारा बनकर रह गया है। पंचायती राज व्यवस्था का हाल बेहाल है। जिसका परिणाम ग्रामीण क्षेत्र के भोले-भाली जनता भुगत रही हैं।
बेलतरा विधानसभा में घोर पेयजल संकट
गौरहा ने बताया कि बेलतरा विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्रों के सेमरा,भरारी, परसदा,सिंघरी,पौसरा,बैमा,नगोई, डगनिया, खैरा, पेंडरवा, बांका, को रबी,सीस समेत दर्जनों गांव में जलस्तर नीचे चला गया है। मोटर पंप,बोर,नल सूखे गए हैं। सरपंच और ग्रामीण क्षमता के अनुसार टैंकर से पानी खरीद रहे हैं दूर क्षेत्र से नल और बोर में पाईप लगवा कर समस्या का जैसे तैसे सामना कर रहे हैं। बावजूद इसके ग्रामीणों की समस्या जिला प्रशासन को दिखाई नहीं दे रहा है। सचिव हड़ताल के कारण ग्रामीणों की सुध लेने वाला कोई नहीं दिखाई दे रहा है।