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अब हमारा भी घर..महतारी सदन से संवर रहा बिहान दीदियों का सपना.. खत्म हुई भटकन

बिलासपुर….कभी स्व-सहायता समूह की बिहान दीदियों के लिए एक छोटी-सी बैठक भी बड़ी चुनौती हुआ करती थी। पंचायत भवन या किसी के घर पर जगह मांगनी पड़ती थी, और कई बार जगह न मिलने से बैठकें टल जाती थीं। प्रशिक्षण कार्यक्रम भी बाधित होते थे, जिससे संगठन की रफ्तार धीमी पड़ जाती और आत्मविश्वास डगमगा जाता था।

लेकिन अब हालात बदल गए हैं। महतारी सदन ने दीदियों को उनका अपना ठिकाना दे दिया है। अब वे अपनी बैठकें और प्रशिक्षण कार्यक्रम बिना किसी बाधा के आयोजित कर पा रही हैं। यही नहीं, इस सदन में उन्हें कौशल निखारने का भी अवसर मिलेगा।

यह तो हमारे सपनों का घर 

ग्राम सेमरताल की दीदी सरस्वती धीवर भावुक होकर कहती हैं –अब हमें लगता है मानो हमारा अपना घर हो, जहां हम चर्चा करते हैं और अपने सपनों को साकार करने की योजना भी बनाते हैं।”

ग्राम जलसों की श्रीमती लता सूर्यवंशी बताती हैं कि
अब हमें बैठकों के लिए किसी से जगह मांगनी नहीं पड़ेगी। अपनी जगह मिलने से आत्मविश्वास कई गुना बढ़ गया है।”

सिर्फ भवन नहीं, आत्मनिर्भरता भी 

दीदियाँ गौरी गौरव, पूनम गौतम, चमेली यादव, वंदना केवट, कृष्णा देवी और सावित्री पीआरपी कहती हैं..
महतारी सदन सिर्फ एक भवन नहीं, बल्कि हजारों दीदियों के सपनों और आशाओं को साकार करने वाला घर है। इससे हमें नई उड़ान और आत्मविश्वास मिला है।”

मुख्यमंत्री की पहल बनी नई दिशा

जिले में कुल 19 महतारी सदन स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से चार का लोकार्पण मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने धमतरी से वर्चुअल माध्यम से किया। यह पहल केवल भवन निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण महिलाओं के लिए सम्मान और आत्मनिर्भरता का नया प्रतीक है।

दीदियाँ गर्व से कहती हैं कि हमारा संगठन और मजबूत होगा, क्योंकि हमें अपना घर मिल गया है।

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