नरेन्द्र कौशिक आत्महत्याः पुलिस की सुस्त कार्रवाई..5 महीने बाद पकड़ाए चारो आरोपी..लोगों में चर्चा…मामला इतना सीधा..तो गिरफ्तारी में देरी क्यों
पुलिस का खुलासा...आरोपियों ने आत्महत्या का बनाया वातावरण..करोड़ों का लगाया फटका

बिलासपुर—-करीब पांच महीने पहले कोयला व्यापारी के आत्महत्या मामले में मुंगेली पुलिस ने सुस्त कार्रवाई के बीच फरार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। फरार आरोपियों पर नरेन्द्र कौशिक को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप है। इसके अलावा आरोपियों पर बिना हिसाब किताब कोयला व्यापारी को 33 करोड़ नुकसान पहुंचाने का भी आरोप है। बहरहाल सुस्त कार्रवाई के बीच पुलिस पर यह भी आरोप लग रहा है कि मामला सेटल नहीं होने के कारण ही आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
सुस्त कार्रवाई के बाद चारो गिरफ्तार
खबर मुंगेली जिले के सरगांव से है। पुलिस ने करीब पांच महीने पहले कोयला व्यापारी नरेन्द्र कुमार कौशिक को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के जुर्म में फरार चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। चारो की गिरफ्तारी को लेकर आम जनता में पुलिसिया कार्रवाई को लेकर जमकर चर्चा है। चर्चा इस बात को लेकर है कि चारो पुलिस की नजर में थे। बावजूद इसके आरोपियों की गिरफ्तारी में बहुत देरी हुई है।
जानकारी देते चलें कि आर्या कालोनी थाना सिरगिट्टी निवासी नरेन्द्र कौशिक पेशे से कोयला व्यापार का काम करता था। पीड़ित ने सुसाइड नोट लिखकर जहर का सेवन किया। मृतक को इलाज के लिए अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। मामले को लेकर सरकन्डा थाना में मर्ग कायम किया गया। मृतक से पुलिस ने सुसाइड नोट भी जब्त किया।
सुसाइड नोट बरामद
पुलिस के अनुसार मृतक ने सुसाइड नोट लिखा था। जांच पड़ताल में पाया गया कि मृतक सरगावं स्थित खपरी रोड पर अमिषा ट्रेडर्स नाम से कोल डिपो संचालन करता था। साथ ही ट्रांसपोर्टिंग का भी काम करता था। व्यापार में लगातार घाटे के बाद मृतक ने अपने साथी कारोबारी संजय भट्ट,और राजेश कोटवानी के नाम पर कोल डिपो का मुख्तयारनाम कियआ। दोनो साथी अन्य दो लोगों देवेन्द्र उपवेजा और सूरज प्रथान के साथ मिलकर अमिषा ट्रेडर्स कोल डिपो का संचालन करना शुरू किया।
पुलिस के अनुसार सुसाइड नोट के अनुसार साथी कारोबारियों ने नरेन्द्र कौशिक को कारोबार मे करोड़ों का नुकसान पहुंचाया। परेशान होकर नरेन्द्र कौशिक ने 26 नवम्बर 2024 को अपने कोल डिपो अमिषा ट्रेडर्स में सुसाईड नोट लिखकर जहर का सेवन किया। इसकी जानकारी मोबाईल से अपने परिजन और साथियों को दिया। वाट्सअप पर सुसाइड नोट पढ़ने के बाद परिजन और उसके साथी मृतक को तलाश करते सरगांव पहुंचे। परिजनों ने नरेन्द्र कौशिक को अंग्रेजी भट्टी के पास ब्रेजा कार में अकेले बैठा पाया। इस दौरान मृतक उल्टी करने के साथ नशे में था। परिजनों ने आनन फानन में नरेन्द्र कौशिक को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया। और ईलाज क दौरान नरेन्द्र कौशिक की मौत हो गयी।
काल डिटेल और परिजनों से पूछताछ
पुलिस के अनुसार जांच पड़ताल के दौरान परिजनों और साथियों का बयान लिया गया। पुलिस ने कॉल डिटेल भी निकाला। पुलिस ने पाया कि मृतक का आरोपियो से लगातार सम्पर्क था। सभी के बयान से स्पष्ट हुआ कि मृतक नरेन्द्र कुमार कौशिक अपने साथी व्यवसायी राजेश कोटवानी, संजय भट्ट, सूरज प्रधान और देवेन्द्र उपवेजा के साथ अमिषा कोल डिपो का संचालन कर रहा था। मृतक ने राजेश और संजय भट्ट के नाम मुख्तियारनामा भी किया है।
करोड़ों का हेरफेर
अमिषा ट्रेडर्स के नाम पर खरीदी बिक्री आय व्यय की संपूर्ण कार्यवाही देखरेख देवेन्द्र उपवेजा और राजेश कोटवानी करता है। साल 2022-23 में दोनो ने कोयला बिक्री रकम 43 करोड़ रूपये बताया। 2023-24 में कोयला बिक्री रकम 10 करोड़ रूपये बताया गया था।मृतक की अनुपस्थिति में मुख्तीयार ग्रहता और साथियों ने अमिषा ट्रेडर्स में स्टोर कोयला और 2 लोडर वाहन को बिना सूचना पार कर कहीं दूसरी जगह लेकर चले गए। नियमानुसार मुख्तयारग्राहता को इसकी जानकारी नरेन्द्र कौशिक को देना चाहिए था। लेकिन उन्होने ऐसा नहीं किया। इसके अलावा आरोपियों ने व्यावसायिक जानकारी भी साझा नहीं किया। जिसके चलते नरेन्द्र कौशिक को करीब 33 करोड़ रूपये का नुकसान उठाना पड़ा।
आत्महत्या के लिए किया मजबूर
पुलिस के अनुसार चारो आरोपियों ने ऐसे हालात पैदा किए..जिसके चलते नरेन्द्र कौशिक को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा। बहरहाल पुलिस ने चारो आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की थारा 108, 3 (5) के तहत अपराध दर्ज किया गया ।
पुलिस ने चारो आरोपियों को लगातार पतासाजी कर गिरप्तार किया है। पूछताछ के दौरान आोरपियों ने अपराध कबूल किया है। चारो को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर जेल दाखिल कराया है। साथ ही पुलिस ने आरोपियों के खातों को जांचा परखा है। दो लोडर भी बरामद किया है।
आरोपियों का नाम पता ठिकाना
1)राजेश कोटवानी पिता टहल निवासी ओम गार्डन नेहरू नगर । 2) देवेन्द्र सिंह उपवेजा पिता महेन्द्र सिंह निवासी जुनी लाइन ,3) सूरज प्रधान निवासी दुर्गानगर लिगिंयाडीह। 4) संजय भट्ट पिता हरीशंकर निवासी अंधियारीपाठ थाना अकलतरा जिला जांजगीर चांपा।
एक स्टोरी यह भी
सूत्रों के अनुसार नरेन्द्र कौशिक कोयला व्यवसायी के साथ राजनीति में भी दखल रखता था। किसी पार्टी विशेष और नेता से उसका गहरा लगाव भी था। व्यापार में वह लगातार घाटे में भी चल रहा था। इसलिए उसने अपना कोयला प्लाट राजेश कोटवानी और उसके अन्यसाथियों को लिखा पढ़ी के बाद दिया। सूत्र ने बताया कि इसके राजेश कोटवानी को घर बैठे बड़ी राशि मिल रही थी। इसी बीच आरोपियों ने नियमानुसार नरेद्र कौशिक के नाम दो लोडर और कुछ डम्पर लिया। किश्त का भुगतान भी आरोपी कर रहे थे। और कोयला व्यापार भी जमकर चल रहा था। ऐसी स्थिति में नरेन्द्र कौशिक ने एक बार फिर कोयला डिपो संचालन का मन बनाया। चूंकि लोडर और हाइवा बेशक नरेन्द्र कौशिक के नाम पर था। लेकिन रकम राजेश कोटवानी और उसके साथियों ने लगाया था। इस बात को लेकर दोनो पक्ष में विवाद हो गया। मामले में जगह जगह नरेन्द्र कौशिक ने लिखा पढ़ी किया। बात नहीं बनने पर उसने जहर का सेवन कर जान दे दिया। यद्यपि इस प्रकार की भी जानकारी मिल रही है कि कौशिक ने जहर का हल्का सेवन आरोपियों पर सिर्फ दबाव डालने के लिए किया था।
बहरहाल चारो की गिरप्तारी के बाद जमकर चर्चा है कि सभी आरोपी नजर के सामने थे…बावजूद इसके चारो को गिऱ्पातर करने में पुलिस को इतना समय क्यों लगा। फिलहाल इस पर भी जांच होना जरूरी है।