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बेलतरा समाधान शिविर में बोले विधायक…सामुहिक प्रयास से जीतेंगे जल संरक्षण की जंग…कहा 4500 आवेदनों का हुआ निराकरण

 सुशांत शुक्ला ने ..किसानों को बताया विकसित तकनिकी से आएगी क्रांति

बिलासपुर—सुशासन तिहार के तहत बिल्हा ब्लॉक के बेलतरा ग्राम पंचायत में आयोजित समाधान शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक सुशांत शुक्ला शामिल हुए। शिविर 8 ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने शिरकत किया। इस दौरान विधायक सुशान्त शुक्ला ने समाधान शिविर की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि प्रदेश के मुखिया का सख्त निर्देश है कि जनता की समस्याओं को उनके घर पहुंचकर दूर किया जाए। इसके बाद ही सुशासन का सपना साकार होगा। उन्होने दुहराय कि सरकार गांवों, गरीबों और किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश सूर्यवंशी , जनपद अध्यक्ष रामकुमार कौशिक, कलेक्टर संजय अग्रवाल, उपाध्यक्ष विक्रम सिंह ठाकुर,सीईओ जिला पंचायत संदीप अग्रवाल विशेष रूप से मौजूद थे।
  कार्यक्रम को संबोधित सुशांत शुक्ला ने संबोधित किया। विधायक  कहा कि प्रदेश सरकार की सोच है कि आम जनता की समस्याओं का निदान उनके गांव घरों में जाकर किया जाए। उन्होंने रानी अहिल्या बाई होल्कर की जयंती पर नमन किया। शुक्ला ने बताया कि उनका जीवन नारी सशक्तिकरण और सुशासन की मिसाल है।
सुशान्त शुक्ला ने कहा कि शासन की योजनाओं में शासन का हिस्सा बनकर सहयोग दे। शिविर में अधिक से अधिक संख्या में आकर शासकीय योजनाओं का लाभ लें। जल संरक्षण और जल संचय हम सबकी जिम्मेदारी है। विश्व तंबाखू निषेध दिवस पर बेलतरा विधायक ने सभी को तंबाखू समेत अन्य नशे के खिलाफ संकल्प भी दिलाया। उन्होंने कहा कि शिविर में 8 ग्राम पंचायत के ग्रामीणों से लगभग 4500 आवेदन मिले। अधिकारियों ने सभी की समस्याओं का गंभीरता के साथ निराकरण किया है।
लाभान्वित हितग्राहियों के खिले चेहरे
 शिविर में विधायक सुशांत शुक्ला ने वॉकिंग स्टिक, श्रम कार्ड, आयुष्मान कार्ड, वॉकर, आवास प्रमाण पत्र सहित अन्य सामग्री का वितरण किया। महिला एवं बाल विकास विभाग, विद्युत विभाग, परिवहन, पशुधन विभाग सहित अन्य विभिन्न विभाग ने स्टॉल लगाकर योजनाओं की जानकारी दी ।  मौके पर ही योजनाओं का लाभ मिलने से हितग्राहियों के चेहरे खिल उठे।
उन्नत कृषि तकनीक का करें प्रयोग
शिविर में विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत किसानों को उन्नत कृषि तकनीक की जानकारी दी गई। किसानों से वैज्ञानिकों का सीधा संवाद हुआ। किसानों को धान की कतार बोनी, पैडी ट्रांसप्लांटर से रोपाई जैसी उन्नत तकनीकों पर किसानों को प्रशिक्षित किया गया।

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