Chhattisgarh

बीजापुर: सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई, नक्सली स्मारक ध्वस्त और हथियारों का जखीरा बरामद

बीजापुर… जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों ने एक और निर्णायक कार्रवाई करते हुए माओवादी गतिविधियों को भारी झटका दिया है। पामेड़ और तर्रेम क्षेत्र में माओवादियों द्वारा बनाए गए स्मारक को ध्वस्त किया गया और चट्टानों के बीच छिपाए गए हथियारों और विस्फोटक सामग्री का जखीरा बरामद किया गया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई कोबरा 208, सीआरपीएफ 228 और जिला सुकमा से कोबरा 203 की संयुक्त टीमों ने गुंडराजगुड़ेम, बड़सेनपल्ली, मंगलतोर और उड़तामल्ला के जंगलों में माओवादी विरोधी अभियान के तहत अंजाम दी। अभियान के दौरान उड़तामल्ला के जंगल में माओवादियों द्वारा निर्मित स्मारक को सुरक्षा बलों ने ध्वस्त कर दिया।

तर्रेम क्षेत्र के कोमटपल्ली के जंगल-पहाड़ी इलाके में आयोजित सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों को बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद हुई। बरामद सामग्री में भरमार बंदूकें, बीजीएल राउंड और रॉड, बीजीएल पार्ट्स, विस्फोटक निर्माण सामग्री (पीईके, यूरिया, इलेक्ट्रिक वायर), एम्युनेशन पाउच, विभिन्न आकार के प्रेशर कुकर (10 लीटर, 5 लीटर, 3 लीटर), आरी ब्लेड और स्पीकर शामिल हैं।

स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई माओवादी गतिविधियों को कमजोर करने के लिए की गई है। बीजापुर के नक्सल प्रभावित इलाकों में अब लगातार गश्त और सर्च ऑपरेशन जारी रहेंगे, ताकि ग्रामीणों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया जा सके और अवैध हथियारों के संचय पर अंकुश लगाया जा सके।

सुरक्षा बलों ने कहा कि इस तरह की अभियानात्मक कार्रवाइयाँ माओवादियों की मानसिक और भौतिक ताकत दोनों को प्रभावित करती हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो, इन ऑपरेशनों से जंगल के अंदर माओवादी छुपे होने का खतरा कम होता है और क्षेत्र में आम जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य होने लगा है।

बीजापुर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि “सुरक्षा बल लगातार तकनीकी उपकरणों और जमीन से गश्त के माध्यम से माओवादी गतिविधियों की निगरानी कर रहे हैं। बरामद हथियार और विस्फोटक सामग्री से यह स्पष्ट है कि माओवादी अभी भी अपने हमलों के लिए तैयार थे। ऐसे ऑपरेशन उन्हें रोकने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी हैं।

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