Chandra Grahan Mein Kya Karna Chahiye- Holi 2025 पर चंद्र ग्रहण का साया.. जानें इसका प्रभाव और बचाव के उपाय

Chandra Grahan Mein Kya Karna Chahiye,Holi 2025/होली का त्योहार पूरे भारत में उल्लास और उमंग के साथ मनाया जाता है, लेकिन इस बार होली पर एक खास खगोलीय घटना भी घटित होने जा रही है।
14 मार्च 2025 को चंद्र ग्रहण पड़ रहा है, जिससे लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन फिर भी इसका ज्योतिषीय प्रभाव जरूर महसूस किया जा सकता है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि इस ग्रहण का होली के पर्व पर क्या असर होगा और इससे बचाव के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं।
चंद्र ग्रहण का समय और सूतक काल
भारतीय समय के अनुसार, यह चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2025 को सुबह 9:29 बजे से दोपहर 3:29 बजे तक रहेगा। चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। फिर भी, ज्योतिषीय दृष्टि से ग्रहण के दौरान कुछ विशेष उपायों को अपनाना शुभ माना जाता है, ताकि नकारात्मक ऊर्जा से बचा जा सके और जीवन में सकारात्मकता बनी रहे।
ग्रहण के दौरान करें ये शुभ कार्य
ग्रहण काल को आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान ध्यान, जप और मंत्रोच्चारण करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। साथ ही, चंद्र ग्रहण के दौरान ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः’ मंत्र का जाप करने से चंद्र दोष कम होता है और मन की शांति बनी रहती है।
ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करना और गंगाजल का छिड़काव कर घर को शुद्ध करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यदि जीवन में किसी प्रकार की समस्याएं चल रही हैं, तो ग्रहण के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ करना भी लाभकारी हो सकता है। इस दौरान जरूरतमंदों को दान करना शुभ फलदायी होता है।
ग्रहण के दौरान न करें ये कार्य
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण के दौरान कुछ कार्यों से बचना चाहिए, ताकि नकारात्मक ऊर्जा का असर न हो। इस समय भोजन ग्रहण करने से बचना चाहिए क्योंकि यह स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यदि आवश्यक हो, तो खाने-पीने की वस्तुओं में तुलसी के पत्ते डालने से भोजन की शुद्धता बनी रहती है।
ग्रहण काल के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से भी बचना चाहिए क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है। साथ ही, देवी-देवताओं की मूर्तियों को छूने से परहेज करना चाहिए और कोई भी मांगलिक या शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इस समय सोना भी वर्जित माना जाता है क्योंकि इससे नकारात्मकता बढ़ सकती है।
विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को इस दौरान सतर्क रहना चाहिए।
उन्हें चंद्र ग्रहण को सीधे देखने से बचना चाहिए और घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के प्रभाव से गर्भस्थ शिशु पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसके अलावा, इस दौरान चाकू, सुई या किसी अन्य नुकीली वस्तु का प्रयोग करने से भी बचना चाहिए।