Chhattisgarh

कर्मचारियों की मांगों को लेकर जागरण अभियान चलाएगा इंडियन पब्लिक सर्विस एम्प्लाइज फेडरेशन

इंडियन पब्लिक सर्विस एम्प्लाइज फेडरेशन (इफ़्सेफ) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 23 अगस्त को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के फैकल्टी क्लब में राष्ट्रीय अध्यक्ष वी.पी. मिश्रा की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस बैठक में दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

बैठक के संबंध में जानकारी देते हुए इंडियन पब्लिक सर्विस एम्प्लाइज फेडरेशन (इफ़्सेफ) वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनिल शुक्ला ने बताया कि सर्वसम्मति से सात सूत्रीय मांगें पारित की गई। इसमें राष्ट्रीय वेतन आयोग का गठन और उसकी अनुशंसा लागू होने तक डीए का पचास प्रतिशत मूल वेतन में समाहित करने की मांग शामिल है। इसके साथ ही ठेका, संविदा, दैनिक वेतन एवं आउट सोर्सिगं व्यवस्था पर रोक लगाते हुए सभी कर्मचारियों को नियमित करने, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, स्वायत्तशासी संस्थानों में बोनस की पूर्व व्यवस्था पुनः लागू करने, सरकारी संस्थानों के निजीकरण एवं निगमीकरण पर रोक लगाने, आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों को नियमित कर शासकीय सेवक का दर्जा देने और ईपीएफ के तहत पेंशन प्राप्त करने वालों को अंतिम वेतन का पचास प्रतिशत पेंशन के रूप में देने की मांग की गई।

निर्णय लिया गया कि इन मांगों को लेकर सितंबर माह में सभी राज्य इकाइयां कार्यालयों, विद्यालयों एवं जिला मुख्यालयों में कर्मचारी जागरण अभियान चलाएंगी। इसके बाद अक्टूबर माह में राज्यों के जिला एवं राजधानी मुख्यालयों पर एक दिवसीय सांकेतिक धरना होगा। नवंबर माह के द्वितीय सप्ताह में देशभर के कर्मचारी दिल्ली के रामलीला मैदान में एकजुट होकर प्रदर्शन करेंगे।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को राष्ट्रीय अध्यक्ष वी.पी. मिश्रा, राष्ट्रीय सलाहकार दीपक ढोलकिया, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनिल शुक्ला, ओ.पी. शर्मा, विष्णु भाई पटेल, महासचिव प्रेमचंद, उपमहासचिव अतुल मिश्रा, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा सहित अन्य पदाधिकारियों ने संबोधित किया। बैठक में छत्तीसगढ़ प्रदेश इकाई के संयोजक पद पर प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के महामंत्री सूरज प्रसाद देवांगन की नियुक्ति की गई।

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