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Income tax return – ITR फाइल करते समय इन 5 गलतियों से बचें, वरना लगेगा जुर्माना और आएगा टैक्स नोटिस

सबसे आम गलती होती है अपनी सभी आय के स्रोतों को रिपोर्ट न करना। कई लोग बैंक के बचत खाते और फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) पर मिले ब्याज को शामिल करना भूल जाते हैं।

Income tax return (आईटीआर) फाइलिंग का सीजन आते ही कई लोग जल्दबाज़ी में फॉर्म भरने लगते हैं, लेकिन इसी हड़बड़ी में ऐसी गलतियां हो जाती हैं जो न केवल भारी जुर्माने का कारण बन सकती हैं, बल्कि इनकम टैक्स विभाग से नोटिस भी दिला सकती हैं।

सही तरीके से और सावधानीपूर्वक आईटीआर भरना जरूरी है, वरना यह आपको आर्थिक नुकसान और कानूनी झंझट में डाल सकता है।

सबसे आम गलती होती है अपनी सभी आय के स्रोतों को रिपोर्ट न करना। कई लोग बैंक के बचत खाते और फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) पर मिले ब्याज को शामिल करना भूल जाते हैं।

यह ब्याज आपकी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्सेबल होता है। बैंक एफडी पर 10% टीडीएस काटते हैं, लेकिन यदि आपकी आय उच्च स्लैब में आती है, तो बाकी टैक्स आपको खुद चुकाना पड़ता है। इस आय को न बताने पर इनकम टैक्स विभाग की ओर से नोटिस आ सकता है। इसी तरह, अगर आपने नौकरी बदली है, तो पिछली नौकरी से हुई कमाई को भी आईटीआर में जरूर जोड़ें। बच्चों के नाम पर किए गए निवेश से हुई आय को भी उच्च आय वाले अभिभावक की आय में जोड़कर टैक्स देना पड़ता है।

दूसरी बड़ी गलती है संपत्ति से हुई आय को टैक्स में न दिखाना। अगर आपके पास एक से ज्यादा मकान हैं, तो भले ही वे किराये पर न हों, आपको उन पर भी टैक्स देना होता है।

केवल वही मकान टैक्स फ्री होता है जिसमें आप रहते हैं, बाकी खाली पड़े मकानों को भी टैक्सेबल इनकम में शामिल करना जरूरी है।

Income tax return में ना करे यह ग़लतियाँ

कई बार लोग आईटीआर (Income tax return)में गलत ईमेल या पोस्टल पता भर देते हैं। इनकम टैक्स विभाग सभी जरूरी नोटिफिकेशन इन्हीं माध्यमों से भेजता है, ऐसे में गलत जानकारी देने से आप महत्वपूर्ण संदेशों से वंचित रह सकते हैं।

कुछ आयें टैक्स से मुक्त होती हैं, जैसे लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन या डिविडेंड, लेकिन इन्हें भी आईटीआर में रिपोर्ट करना अनिवार्य है। ऐसा इसलिए क्योंकि ब्रोकरेज हाउस और निवेश कंपनियां इन लेन-देन की जानकारी पहले ही इनकम टैक्स विभाग को दे चुकी होती हैं। इन आय को छुपाना कानूनी परेशानी का कारण बन सकता है।

अंत में, फॉर्म भरने के बाद उसे ध्यान से जांचना बेहद जरूरी है। चाहे आप खुद फॉर्म भरें या किसी सीए या टैक्स कंसल्टेंट से भरवाएं, सभी विवरणों को सावधानीपूर्वक पढ़ें और सुनिश्चित करें कि कोई गलती न रह जाए। एक छोटी सी चूक आपको भारी पेनाल्टी और टैक्स नोटिस के खतरे में डाल सकती है।

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