BilaspurChhattisgarh

भारी अव्यवस्था के बीच नव निर्वाचित मेयर ने लिया दो बार शपथ…पार्षदों को समझाते रहे कलेक्टर…पढ़े पद्मज़ा ने क्यों लिया दो बार शपथ

शपथ ग्रहण समारोह में नहीं आए मुख्यमन्त्री साय

बिलासपुर…. भारी अव्यवस्था के बीच नगर निगम नवनिर्वाचित मेयर और पार्षदों ने शपथ ग्रहण किया। शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय को शामिल होना था।लेकिन स्वास्थ्यगत कारणों से कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। कलेक्टर अवनीश शरण ने मेयर समेत सभी 70 पार्षदों को शपथ दिलाया। शपथ लेते समय नवनिर्वाचित मेयर एल पद्मजा ने गलतियां की इसलिए उन्हें दोबारा शपथ के लिए बुलाया गया। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री अरुण साव समेत केंद्रीय मंत्री तोखन साहू नगर विधायक अमर अग्रवाल बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक तखतपुर विधायक धरमजीत और बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला विशेष रूप से मौजूद थे। कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला भी शामिल हुए.

भारी अव्यस्था के बीच शपथ 

जानकारी देते चले कि प्रदेश में नगरी निकाय का चुनाव 13 फरवरी को संपन्न हुआ..। परिणाम का ऐलान 15 फरवरी को किया गया। बिलासपुर नगर निगम में भाजपा प्रत्याशी एल पद्मजा ने जीत हासिल की। जबकि 49 पार्षदों के साथ भारतीय जनता पार्टी ने सबसे ज्यादा सीट हासिल किया।

कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को मुंगेली नाका स्थित ग्रीन गार्डन मैदान में हुआ । कलेक्टर शरण ने नवनिर्वाचित मेयर अल पद्मजा और सभी 70 पार्षदों का शपथ दिलाया। ग्रीन गार्डन मैदान में खचाखच भीड़ के बीच मंच पर अतिथियों का स्वागत किया गया।

दुबारा लिया शपथ

कलेक्टर अवनीश शरण ने सबसे पहले एल पद्मजा को शपथ के लिए आमंत्रित किया. पहली बार उन्होंने शपथ गलत पढ़ दिया..इसलिए कलेक्टर ने नवनिर्वाचित मेयर एल पद्मजा को दोबारा शपथ के लिए बुलाया..

कुछ भी समझ नहीं आया 

इसके बाद 70 पार्षदों को कलेक्टर अवनीश शरण ने 10-10 के समूह में शपथ ग्रहण कराया। इस दौरान पार्षदों ने जमकर गलतियां की। सामने बैठी भीड़ को समझ में नहीं आया कि आखिर पार्षद पढ़ क्या रहे हैं। यद्यपि कलेक्टर ने बार बार पार्षदों को दिशा निर्देश दिया। इस तरह शपथ ग्रहण समारोह भारी अव्यवस्था के बीच संपन्न हुआ।

मेयर ने गलत पढ़ा शपथ पत्र

शपथ लेते वक्त महापौर को कहना था कि मैं भारत की प्रभुता और अखंडता को अक्षुण्य रखूंगी। लेकिन पूजा विधानी ने सांप्रदायिकता को अक्षुण्य रखूंगी बोल दिया। इतना सुनते ही सब लोग खुसुर पुसुर करने लगे। अतिथियों ने भी इस बात को लेकर

क्यों हुई गडबड़ी

नाराजगी जाहिर किया। कलेक्टर अवनीश शरण ने आनन फानन में महापौर पूजा विधानी को दुबारा शपथ लेने के लिए कहा । बहरहाल स्पष्ट नहीं हो सका है कि महापौर ने सचमुच में बोलने में गलती की या कागज में ही गलत लिखा था ।

मंच से भीड़ तक अव्यवस्था ही अव्यवस्था

शपथ समारोह में पहले तो मुख्यमंत्री के नहीं आने की घोषणा की गई.।.इसके बाद महापौर के शपथ में गलती सामने आयी। पार्षदों ने कागज मिलते ही शपथ पढ़ना शुरू कर दिया । जिस पर कलेक्टर को बोलना पड़ा कि वह शुरू के शब्द मै को पढ़ेंगे ..इसके बाद सारे पार्षद अपना नाम लेते हुए शपथ पत्र को पढ़ेंगे । बावजूद इसके तीन बार अलग – अलग समय मे कलेक्टर को शपथ के दौरान टोका टॉकी करना पड़ा। इसके बाद पार्षदों को समझ में आया कि उन्हें शपथ में क्या कहना है और किस तरह बोलना है ।

कुर्सी और पानी के लिए भटकते रहे लोग

व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने वाले निगम के अधिकारी ने कंजूसी बरतते हुए व्यवस्था का बंटाधार कर दिया । कुछ लोगों ने बताया कि उम्मीद थी कि बिलासपुर नगर निगम सपा। ग्रहण समारोह बहुत भव्य और गरिमामय होगा। लेकिन यहां रायपुर की तुलना में शपथ ग्रहण समारोह बहुत ही फीका रहा। लोग पानी और कुर्सी के लिए दर दर दर भटकते रहे। ज्यादातर लोग पंडाल के बाहर खड़े होकर शपथ लेने वालों कि अस्पष्ट आवाज़ सुनते रहे। कहने का मतलब कार्यक्रम में माइक व्यवस्था का भी ठीक ठाक इंतजाम नहीं किया गया था। लोग शपथ के नाम पर भिन्न भिनाती हुई आवाज़ सुनकर घर लौट आए।

पत्रकारों बैठक मे स्थान पार्षद परिवार का कब्जा

यद्यपि मंच के सामने पार्षद और समाज। के प्रमुख लोगों के लिए अलग से बैठक व्यवस्था की गई थी। लेकिन जब पत्रकार कार्यक्रम का कवरेज करने पहुंचे तो वहां एक भी सीट खाली नहीं मिली। इसके चलते पत्रकारों को अपने स्तर पर व्यवस्था करना पड़ा। ज्यादातर पत्रकारों ने खड़े होकर अपना काम किया। इसके बाद पंडाल से बाहर आ गए।

कार्यक्रम खत्म होते ही भागे अतिथि

जैसा कि होता है कि बड़े कार्यक्रमों के बाद अतिथि पत्रकारों से संवाद करते हैं। लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला। क्योंकि अतिथियों को पता था कि उनके सामने ही शपथ ग्रहण समारोह में भारी अव्यवस्था नज़र आई है।। कहीं व्यवस्था को लेकर सवाल का सामना नहीं करना पड़ जाए इसलिए सभी अतिथि मंच से उतरकर पत्रकारों से बिना बातचीत किए चल दिए। बताया गया कि विधानसभा सत्र चल रहा है इसलिए बातचीत करना संभव नहीं ।

मुख्यमंत्री के लिए थी तैयारी

बहरहाल भारी व्यवस्था के बीच गरिमामय वातावरण में नगर निगम शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हुआ। इस दौरान हर तरफ अव्यवस्था ही अव्यवस्था का नजारा देखने को मिला। यद्यपि शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी मुख्यमंत्री को ध्यान में रखकर की गई थी । अच्छा हुआ कि मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए अन्यथा कई अधिकारियों पर गाज।गिर सकती थी

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