बिलासपुर के प्रतिष्ठित हायर सेकेंडरी स्कूल में छात्र ने सीनियर को जान से मारने की धमकी दी..,पेट पर चाकू लगाकर किया मारपीट

बिलासपुर…शिक्षा के मंदिर माने जाने वाले स्कूलों में अब अपराध की मानसिकता पैर पसार रही है। सरकंडा स्थित पंडित रामदुलारे आत्मानंद हायर सेकेंडरी स्कूल मुक्तिधाम में एक ऐसा ही सनसनीखेज मामला सामने आया है। कक्षा 9वीं के छात्र ने 11वीं के सीनियर छात्र को पेट पर चाकू लगाकर मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी है।
घटना एक दिन पुरानी बताई जा रही है, लेकिन आज पीड़ित छात्र के बड़े भाई के साथ स्कूल पहुंचकर प्रबंधन से गंभीर घटना की लिखित शिकायत की है।
क्या है पूरा मामला?
पीड़ित छात्र ने बताया कि स्कूल में उसके एक सहपाठी से सामान्य बहस हुई थी, जिसे आपसी बातचीत से सुलझा भी लिया गया था। लेकिन इसके बाद कक्षा 9वीं में पढ़ने वाला छात्र अपने साथियों के साथ आया और पेट पर चाकू अड़ाकर जान से मारने की धमकी दी। आरोपी छात्र ने कहा,
“अगर कुछ बोला या किया, तो जान से हाथ धोना पड़ेगा। क्योंकि तुमने मेरे दोस्त को मारा है।”
पीड़ित छात्र का कहना है कि ऐसा कोई झगड़ा नहीं हुआ था, लेकिन जानबूझकर मामले को बढ़ाया गया और मारपीट की गई।
परिवार में भय का माहौल, स्कूल से आया था कॉल
पीड़ित छात्र के बड़े भाई ने बताया कि उन्हें स्कूल से किसी ने फोन किया कि उसके छोटे भाई पर कुछ लड़के ने हमला किया है और तुरंत स्कूल पहुंचे। जानकारी के बाद अपने एक परिचित को तत्काल स्कूल भेजा। तब तक उसका भाई घर आ चुका था उसने बताया कि एक छात्र कुछ लड़कों के साथ आया और पेट पर चाकू लगाकर स्कूल परिसर में मारपीट किया। पीडित के भाई ने बताया कि आज स्कूल पहुंचकर प्रबंधन को सारी जानकारी देने के साथ लिखित में शिकायत दर्ज कराया। उसका छोटा भाई इसी स्कूल में कक्षा 11वीं का छात्र है इसलिए उसकी सुरक्षा को लेकर घर के लोग चिंतित है।
स्कूल पहले भी विवादों में रहा है
यह वही स्कूल है जो एक हाईटेक नकल प्रकरण को लेकर पूरे प्रदेश में सुर्खियों में रहा। है हाईटेक नकल प्रकरण सामने आने के बाद म व्यापम ने जांच के आदेश दिए थे। और परीक्षा के दौरान कड़े नियम लागू करने की बात कही थी। इसके पहले भी यहां शिक्षकों के बीच आपसी विवाद और प्रबंधन में खींचतान की खबरें आती रही हैं।अब एक बार फिर शिक्षा की जगह स्कूल में अपराध का माहौल बनता दिख रहा है।
शाला विकास समिति अध्यक्ष की प्रतिक्रिया
भाजपा नेता और शाला विकास समिति अध्यक्ष राजेश दुसेजा ने कहा,
“यह अत्यंत गंभीर मामला है। बच्चों को पढ़ाई के लिए स्कूल भेजा जाता है, न कि चाकूबाज़ी के लिए। अगर कोई छात्र इस तरह की हरकत करता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। माता-पिता की बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया जाएगा।”
जिला शिक्षा अधिकारी ने भी जताई नाराज़गी
घटना को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी विजय टांडे ने भी नाराज़गी जताई। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा:
“इस घटना की जानकारी मुझे मीडिया से मिली है, जिसके लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूँ। यह बेहद गंभीर मामला है और मैं स्कूल प्राचार्य से तत्काल स्पष्टीकरण मांगूंगा। यदि जांच में छात्र दोषी पाया जाता है, तो उस पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। स्कूल पढ़ाई के लिए होते हैं, न कि अपराध के लिए।”
बड़ा सवाल: क्या स्कूल अब सुरक्षित नहीं रहे?
छात्रों के हाथ में किताबों के बजाय अब चाकू आने लगे हैं। यह घटना न सिर्फ स्कूल प्रबंधन पर सवाल खड़े करती है, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र की निगरानी और अनुशासन व्यवस्था की पोल खोलती है। अब सवाल उठता है कि क्या अब माता-पिता अपने बच्चों को डर के साये में स्कूल भेजेंगे? क्या स्कूलों में अब डर और धमकी का राज चलेगा?