ED का शिकंजा: Paytm को 611 करोड़ रुपये का नोटिस, जानिए क्या है पूरा मामला

भारत की प्रमुख फिनटेक कंपनी Paytm एक बार फिर मुश्किलों में फंस गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने वित्तीय अनियमितताओं और फेमा (FEMA) के उल्लंघन के आरोप में पेटीएम की मूल कंपनी One97 Communications Ltd. (OCL) और उसके प्रबंध निदेशक सहित कुछ अन्य इकाइयों को 611 करोड़ रुपये का कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस कंपनी के सिंगापुर में किए गए विदेशी निवेश और RBI के नियमों के उल्लंघन से जुड़ा हुआ है।
कैसे फंसा पेटीएम विवादों में?
ED की जांच में खुलासा हुआ कि One97 Communications Ltd. ने सिंगापुर में निवेश किया था, लेकिन इस विदेशी निवेश की भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को सूचना नहीं दी गई। इसके अलावा, पेटीएम की भारतीय अनुषंगी लिटिल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और नियरबाय इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने भी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के नियमों का पालन नहीं किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने FDI प्राप्त किया, लेकिन RBI के निर्धारित उचित मूल्य निर्धारण दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया।
Paytm की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, इसके संस्थापक विजय शेखर शर्मा कंपनी के चेयरमैन, प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) हैं। ED ने जो नोटिस जारी किया है, वह न्यायिक कार्यवाही शुरू होने से पहले एक विशेष निदेशक द्वारा जारी किया गया है।Paytm ने इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विवादित लेनदेन उस समय के हैं जब लिटिल इंटरनेट और नियरबाय इंडिया इसकी अनुषंगी कंपनियां नहीं थीं। पेटीएम ने 2017 में इन दोनों कंपनियों का अधिग्रहण किया था।
कंपनी के अनुसार, जांच में One97 Communications के 245 करोड़ रुपये, लिटिल इंटरनेट के 345 करोड़ रुपये और नियरबाय इंडिया के 21 करोड़ रुपये के लेनदेन को संदिग्ध पाया गया है। पेटीएम ने कहा कि वह सभी नियामकीय प्रक्रियाओं और लागू कानूनों के अनुसार इस मामले को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
Paytm के खिलाफ जारी किए गए 611 करोड़ रुपये के कारण बताओ नोटिस के बाद अब यह देखना होगा कि ED की आगे की कार्रवाई क्या होगी। अगर जांच में नियमों के उल्लंघन की पुष्टि होती है, तो कंपनी को भारी वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।