क्या योजना को पहनाया सरकारी कपड़ा..ACB EOW की रेड कार्रवाई में छनकर आ रही खबर…लखमा पर कसा गया शिकंजा
एसीबी की टीम ने दो व्यापारियों को घेरा..मिले जरूरी दस्तावेज

रायपुर—करोड़ों रुपये के शराब घोटाले ने एक बार फिर एसीबी और ईओडब्लू की टीम ने रेड कार्रवाई कर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दिया है। घोटाला में एक बार फिर राजनेता और व्यापार जगत की जुगलबन्दी सामने आ रही है। एंटी करप्शन ब्यूरो और EOW की संयुक्त टीम ने सोमवार तड़के प्रदेश के अलग अलग ठिकानों पर धावा बोला है। शराब तस्करी से जुड़े स्टील कारोबारी अशोक अग्रवाल और विनय अग्रवाल पर ईओडब्लू की टीम ने शिकंजा कसा है।
पुख्ता जानकरी के अनुसार एसीबी और ईओडब्लू की टीम ने अल सुबह 4 बजे भिलाई में धावा बोला। गाड़ियों में सवार जांच एजेंसी टीम ने हाउसिंग बोर्ड स्थित आम्रपाली अपार्टमेंट में अशोक अग्रवाल के घर का दरवाजा खटखटाया। एक अन्य टीम ने खुर्सीपार स्थित विनय अग्रवाल समेत तीन ठिकानों पर पहुंचकर रेड कार्रवाई को अंजाम दिया। विनय अग्रवाल का घर भी आम्रपाली अपार्टमेंट में बन रहा है।
जांच एजेंसियों ने अशोक अग्रवाल के घर में जांच पड़ताल के दौरान कई दस्तावेजों को जब्त किया। यकायक अधिकारियों ने अशोक अग्रवाल को अपनी गाड़ी में बैठाया। ऐसा करते ही हलचल मच गयी। सूत्र की माने तो एसीबी की टीम अशोक अग्रवाल को लेकर कारखाना पहुंच गयी। टीम ने अशोक अग्रवाल की निशानदेही पर फैक्ट्री से भी जरूरी दस्तावेजों को खंगाला।
जानकारी देते चलें कि अशोक और विनय अग्रवाल का नाम प्रदेश के प्रमुख स्टील कारोबारी के रूप चर्चित है। अग्रवाल बन्धुओं की फैक्ट्री छावनी चौक, भिलाई स्थित फैब्रिकेशन और अन्य निर्माण कार्यों से जुड़ी है। बताया जा रहा है कि जांच पड़ताल के दौरान एसीबी और इओडब्लू की टीम को कुछ चौकाने वाले दस्तावेज मिले हैं। जानकारी मिल रही है कि अशोक अग्रवाल का प्रदेश के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से गरीबी रिश्ता है।
बताया तो यह भी जा रहा है कि कवासी लखमा और अग्रवाल की जोड़ी ने मिलकर शराब घोटाले की रणनीति को तैयार किया है। सरकार रहने के दौरान दोनों ने मिलकर घोटाला को सरकारी अमली जामा पहनाया है। जानकारी मिल रही है कि जांच एजेंसियां राजनीतिक सांठगांठ की कड़ियों को जोड़ने का प्रयास कर रही है। संभव है कि आने वाले दिनों में जांच एजेंसियां कुछ नया खुलासा कर सकती है।