बिजली बिल वृद्धि के खिलाफ कांग्रेस का बिगुल..नेताओँ का एलान..18 को करेंगे तिफरा कार्यालय का घेराव

बिलासपुर…प्रदेश में बिजली दरों में वृद्धि को लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शहर जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष विजय केसरवानी अध्यक्ष विजय पांडेय ने बुधवार को जिला कांग्रेस कार्यालय में संयुक्त प्रेस वार्ता कर 18 जुलाई को तिफरा स्थित बिजली कार्यालय घेराव का ऐलान किया।
दोनो नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की बिजली नीति आम जनता, किसानों और छोटे उपभोक्ताओं के खिलाफ है। बिजली की दरों में बेतहाशा वृद्धि कर सरकार ने छत्तीसगढ़ की जनता की जेब पर सीधा प्रहार किया है।
दरों में भारी वृद्धि, जनता बेहाल
जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशवानी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने बिजली दर में वृद्धि कर एक बार फिर जनता के साथ विश्वासघात किया है। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि किया गया है।गैर-घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 25 पैसे प्रति यूनिटबढ़ाया गया है।कृषि पंपों के लिए सर्वाधिक 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि हुई है।
विजय केसरवानी ने कहा,
“पहले ही किसान खाद, बीज और बिजली कटौती की मार झेल रहे हैं। अब कृषि पंपों की बिजली दर बढ़ाकर भाजपा सरकार ने उनकी कमर ही तोड़ दी है।”
रमन सरकार बनाम कांग्रेस सरकार: आंकड़ों की जंग
विजय केशरवानी ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 2003 में बिजली 1.30 प्रति यूनिट थी, जिसे रमन सिंह की सरकार ने 2018 तक बढ़ाकर 6.40 कर दिया। वहीं कांग्रेस सरकार 2018–2023 के कार्यकाल में मात्र 2 पैसे प्रति यूनिट की औसत वृद्धि हुई थी।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार ने ‘बिजली बिल हाफ’ योजना के तहत 65 लाख उपभोक्ताओं को 3,214 करोड़ की सब्सिडी दी थी। किसानों को 5 हॉर्स पावर तक मुफ्त बिजली, बीपीएल उपभोक्ताओं को 40 यूनिट तक राहत, और अस्पतालों एवं उद्योगों को सब्सिडाइज्ड दर पर बिजली प्रदान की गई थी।
भ्रष्टाचार, चोरी और राजनीतिक संरक्षण
कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बिजली कटौती व्यापक स्तर पर हो रही है सरकारी विभागों के करोड़ों रुपये के बिजली बिल बकाया हैं।सत्ता के संरक्षण में बिजली चोरी और लाइन लॉस बढ़े हैंजनता से अनाप-शनाप बिल वसूले जा रहे हैं।स्मार्ट मीटर के नाम पर अत्यधिक बिल भेजे जा रहे हैं।अब अडानी की कंपनी के प्रीपेड मीटर लगाए जाने की योजना है,।जिससे जनता को और अधिक आर्थिक बोझ झेलना पड़ेगा
बढ़ती लागत के पीछे केंद्र की नीतियां जिम्मेदार
जिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष विजय पांडे ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण बिजली उत्पादन महंगा हो गया है। कोयले पर ग्रीन टैक्स चार गुना बढ़ा दिया गया है। , रेलवे माल भाड़ा अधिक वसूला जा रहा है,। थर्मल प्लांटों को अडानी से महंगे दाम पर कोयला खरीदने के लिए बाध्य किया जा रहा है। डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क यानि सेंट्रल एक्साइज बढ़ने से परिवहन लागत में भारी इजाफा हुआ है।
18 जुलाई को होगा जोरदार विरोध प्रदर्शन
दोनों अध्यक्षों ने बताया कि कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर 18 जुलाई को तिफरा स्थित बिजली कार्यालय का घेराव किया जाएगा। इस दौरान मांग करेंगे कि बढ़ी हुई बिजली दरें तत्काल वापस ली जाएं।अनियमित और मनमाने बिलों की जांच हो।बिजली कटौती पर नियंत्रण लगाया जाए।स्मार्ट और प्रीपेड मीटर लगाने की योजना वापस हो
कांग्रेस नेताओं का सवाल:
“जब कोयला, पानी और ज़मीन हमारी है, तो हमें ही क्यों महंगी बिजली बेची जा रही है?”
दोनों नेताओं ने चेतावनी दी हैं यदि सरकार ने बिजली दरों में बढ़ोतरी वापस नहीं लिया, तो कांग्रेस जन आंदोलन को और व्यापक रूप देगी।