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भाजपा घेराव के खिलाफ..कांग्रेस अध्यक्ष का RSS, विश्वविद्यालय पर बड़ा हमला…मिलकर कर रहे माहौल खराब..करेंगे घेराव
दोनो कुलपतियों को हटाने की मांग...भाजपा कार्यालय घेराव की धमकी

बिलासपुर—गुरु घासीदास सेंटल यूनिवर्सिटी और अटल बिहारी बाजपेई यूनिवर्सिटी में जो कुछ चल रहा है, इसके पीछे आरएसएस की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है। दो कुलपति आरएसएस के इशारे पर शिक्षण संस्थानों की पवित्रता को नष्ट कर रहे हैं। आरएसएस के साथ मिलकर कुलपतियों ने ना केवल शिक्षण संस्थान को प्रदूषित किया है बल्कि राजनीति का अखाड़ा भी बना दिया है। कैम्पस के भीतर जो कुछ चल रहा हैं..बेहद आपत्तिजनक है। इन बातों की जानकारी प्रेस नोट जारी कर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष विजय केशरवानी ने दी है। केशरवानी ने राष्ट्रपति और छत्तीसगढ़ के राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग की है। विजय ने शहर का सौहार्द्र बिगाड़ने के आरोप लगाते हुए भाजपा कार्यालय का घेराव का भी एलान किया है।
गुरु घासीदास सेंटल यूनिवर्सिटी और अटल बिहारी बाजपेई यूनिवर्सिटी के बारे में अब सबको पता चल गया है कि दोनों विश्वविद्यालय आरएसएस के इशारों पर संचालित हो रहा है। विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम और नियुक्तियां संघ से निर्धारित होता है। ऐसी स्थिति में एक यूनिवर्सिटी के 120 छात्रों को कथित रूप से नमाज पढ़ाए जाने की घटना गले से नीचे नहीं उतरती है। यदि इसमें थोड़ी भी सच्चाई है तो आश्चर्य है कि “संघ” एक नहीं बल्कि दोनों यूनिवर्सिटी के कुलपति को हटवाने में अब तक चुप क्यों है।
जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण अध्यक्ष ने कहा कि देश को हिंदू मुस्लिम के विवाद में झोंक देने वाली केंद्र सरकार को लगता है कि अब शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रव्यापी साजिश को सुनियोजित ढंग से बीजारोपण किया जाए। बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने से हाथ पीछे खींचकर केंद्र सरकार ने शिक्षण संस्थानों को सांप्रदायिकता की आग में झोंकने का प्लान तैयार किया है। अच्छे भविष्य की कल्पना को लेकर पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को विश्व विद्यालय प्रबंधन सुनियोजित तरीके से साम्प्रदायिक बना रहा है।
केशरवानी ने कहा कि बिलासपुर के कोनी स्थित दोनों विश्वविद्यालय में लगातार इस तरह के राष्ट्रीय व्याख्यान और कार्यशाला आयोजित किए जाते है जिसका विषय ही राजनीति से प्रेरित होता है । आयोजनों में करोड़ो खर्च किया जाता है। व्याख्यान को संबोधित करने संघ से जुड़े लोगों को आमंत्रित किया जाता है। जबकि ऐसे व्याख्यानों में छात्र छात्राओं का हित नहीं है। कश्मीर से लेकर मणिपुर, असम सहित कई राज्यों के हालात पर व्याख्यान तो होते है लेकिन छत्तीसगढ़ को लेकर कभी भी इस तरह के व्याख्या न नहीं होते ।
विजय ने बताया कि आज का सेंटल यूनिवर्सिटी और मप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुनसिंह ने प्रारंभ किए गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी में जमीन आसमान का अंतर है । आज का यूनिवर्सिटी स्व अर्जुन सिंह के सपनों का यूनिवर्सिटी कदापि नहीं है ।अगर अर्जुनसिंह जीवित होते तो आज के गुरु घासी दास यूनिवर्सिटी की गतिविधियों को देखकर सिर पकड़ लेते ।
विजय ने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि नमाज के आड़ में केंद्रीय यूनिवर्सिटी में विभिन्न समाज के अध्ययन रत छात्र छात्राओं के बीच कहीं मतभेद किए जाने की साजिश तो नहीं हो रही? जिन 120 छात्रों को नमाज पढ़ाए जाने की जोर शोर से चर्चा हो रही है । दरअसल वह सभी लोग केजी वन , टू के छात्र नहीं है। उनमें इतनी तो समझ है कि क्या करने जा रहे हैं।
यदि नमाज पढ़ाने की साजिश हो रही थी तो पीड़ित छात्रों ने उसी समय विरोध क्यों नहीं किया? छत्तीसगढ़ पने निर्माणकाल से ही शांति पूर्ण और सांप्रदायिक सद्भाव वाला राज्य रहा है । यहां वर्ग विशेष के प्रति जहर उगलने की साजिश करने वालों के लिए कोई जगह नहीं है। दोनों यूनिवर्सिटी के कुलपति विवादित हो चुके है। इसलिए दोनों को यहां से हटाए जाना जरूरी है। प्रेस नोट में विजय ने कहा कि यदि मामले को गंभीरता से नहीं लिया जाता है तो कांग्रेस पार्टी भाजपा कार्यालय का घेराव करेगी।
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