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CG NEWS:किसके निशाने पर हैं मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल… ?

CG NEWS:रायपुर। सियासत से जुड़ी खबरों में किस्सा आम है कि छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल का विस्तार अब लंबा हो चला है इसलिए कयास है कि इसका विस्तार कब होगा..! जिसमें यह भी कयास जोड़ दिया गया है कि कुछ मंत्रियों को हटा कर कुछ नए और पुराने विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। खबरें तैर रही है कि स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को मंत्री पद से हटाया जा सकता है। इस तरह की चर्चाओं ने एक नए राजनीतिक नैरेटिव जन्म दिया है, जिसके पीछे कुछ लोग इसे एक सोची – समझी साजिश बता रहे हैं…।

यदि यह साजिश है तो सवाल उठता है कि क्या ये अफवाहें सचमुच उनकी कार्यशैली या प्रदर्शन पर आधारित हैं, या फिर यह राजनीतिक विरोधियों और कुछ खास हितों वाले समूहों जिसे परदे के पीछे रहने वाली बड़ी मेडिकल सप्लायर लाबी कहा जा सकता है…। यह उनकी बिछाई कोई चाल है। जो अपना हित पूरा नहीं होता देख श्याम बिहारी से नाराज होकर उनकी छवि को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं ?

पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य विभाग को लेकर सोशल मीडिया और कुछ खबरें आलोचना की जगह निर्णय लेकर सही गलत का फैसला सुनाते हुए श्याम बिहारी जायसवाल को स्वास्थ्य मंत्री के पद से हटाए जाने का इशारे कर रही है। इसके पीछे तर्क दिए जा रहे हैं कि स्वास्थ्य विभाग में कुछ अनियमितताएं सामने आई हैं, जैसे एक्सपायर दवाओं की खरीद,अनुपयोगी उपकरण, और टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि ये अनियमितताएं 2016 से 2022 के बीच की कैग रिपोर्ट की हैं, यानी उस समय की जब जायसवाल मंत्री नहीं थे। फिर भी कुछ पुरानी खबरों में नया तड़का लगाकर इसे पेश कर रहे हैं। और इस तड़के के आधार पर विपक्षी नेता नैरेटिव बना रहे हैं कि जायसवाल इनके लिए जिम्मेदार हैं।

हाल ही में विपक्ष ने मेडिकल कॉलेज निर्माण के टेंडरों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। ये आरोप भी पुरानी अवधि से जुड़े हैं, और इन्हें बीजेपी सरकार के खिलाफ विपक्ष की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। इसके अलावा, ठेकेदारों और सप्लायरों की लॉबी भी उनसे नाराज हो सकती है, क्योंकि जायसवाल ने रीएजेंट खरीद जैसे मामलों में सख्ती दिखाई है। कुछ लोग मानते हैं कि जब ठेकेदार लॉबी को मनचाहा काम नहीं मिलता, तो वे सरकार और मंत्रियों के खिलाफ अफवाहें फैलाने लगते हैं। ऐसा ही एक मामला ऊर्जा विभाग के क्रेडा चेयरमैन भूपेंद्र सवन्नी के खिलाफ देखा गया, जहां ठेकेदारों की शिकायत बाद में फर्जी साबित होती हुई लग रही है।

स्वास्थ्य विभाग स्कूल शिक्षा विभाग के बाद दूसरा सबसे बड़ा विभाग है। इस विभाग में मानव संसाधन के साथ-साथ जिम्मेदारियां भी बहुत बड़ी है। इसलिए यहां पर अव्यवस्थाएं होना लाजमी हैं। राज्य में सरकार किसी की भी रही हो स्थित एक समान रही है…। राज्य के बजट और केंद्र के साथ सहयोग के चलते सुविधाओं में कमी और बढ़ोतरी होती रही है।

अब तथ्यों की बात करें तो जायसवाल ने स्वास्थ्य विभाग में कई सकारात्मक बदलाव किए हैं। उनके द्वारा शुरू की गई योजनाएं और निरीक्षण जनता के बीच उनकी सक्रिय छवि को बताते हैं। अगर कोई साजिश नहीं भी है, तो कम से कम एक नकारात्मक नैरेटिव जरूर बनाया जा रहा है।

राजनीतिक जानकारों की माने तो ऐसी अफवाहें तब ज्यादा फैलती हैं, जब कोई नेता दबाव या प्रलोभन में काम नहीं करता है
तब परदे में रहने वाले ठेकेदार और सप्लायर लॉबी जैसे कुछ समूह नुकसान होता देख एक्टिव हो जाते हैं।

स्वास्थ्य मंत्री के समर्थक कहते हैं कि श्याम बिहारी जायसवाल के खिलाफ मंत्री पद से हटाने की अफवाहें और उनके आसपास बनाया जा रहा नकारात्मक नैरेटिव संदेहास्पद है। यह संभव है कि यह राजनीतिक विरोधियों और नाराज ठेकेदार लॉबी की साजिश हो, जो उनकी साफ छवि और मेहनत को कमजोर करना चाहते हैं।
यदि हम अफवाहों के आधार पर निष्कर्ष निकालें। अगर इस तरह की साजिशों को बढ़ावा मिलता रहा, तो यह न केवल जायसवाल जैसे नेताओं के लिए, बल्कि पूरे सिस्टम के लिए नुकसानदायक होगा। सरकार को चाहिए कि ऐसी अफवाहों की सच्चाई की जांच करे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, ताकि ईमानदार नेतृत्व को प्रोत्साहन मिले।

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