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CG NEWS: स्कूली बच्चों की तकलीफ सुनने वाला कोई नहीं….. ! प्रदेश में गर्मी ने मचाया हाहाकार

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CG NEWS:रायपुर । (मनीष जायसवाल) । छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी और लू से लोग हलाकान हैं, तो स्कूली बच्चे बेहाल…..। फिर भी व्यवस्था के जिम्मेदारों लोगों का ध्यान बच्चों की सुरक्षा की ओर नहीं जा रहा। मौसम विभाग ने अगले हफ्ते तापमान 43-45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की चेतावनी दी है,इसे देखते हुए स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा एक हफ्ते पहले कर देनी चाहिए थी। पिछले साल अप्रैल 2024 में भी ऐसी ही स्थिति में सरकार ने 21 अप्रैल 2024 के शिक्षा विभाग के पत्र के आधार पर 22 अप्रैल से 15 जून तक अवकाश घोषित किया था लेकिन इस बार निर्णय लटका हुआ है।
प्रदेश में स्कूल शिक्षा मंत्री का पद पिछले साल बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफे के बाद खाली है। विभाग का प्रभार मुख्यमंत्री विष्णु देव साय संभाल रहे हैं। जो वर्तमान में दिल्ली दौरे पर हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी बिना उनकी मंजूरी के बड़ा फैसला लेने में असमर्थ हैं। पिछले साल की तरह 22 अप्रैल से अवकाश शुरू करने की उम्मीद थी लेकिन श्री साय की व्यस्तता के चलते यह मामला अटका हुआ है..!
निजी स्कूल संगठन से जुड़े लोगों और अभिभावकों ने सरकार पर सवाल उठाए हैं। एक अभिभावक ने कहा कि पढ़ाई के दबाव में बच्चों को स्कूल भेजना खतरनाक है। लेकिन मजबूरी भी है। अभी आलम यह है कि विभाग के पूर्ण कालिक मंत्री के बिना शिक्षा विभाग के अहम निर्णय ठंडे बस्ते में पड़े हुए है। जिले के शिक्षा अधिकारी भी नेतृत्व की कमी महसूस कर रहे है। तो बड़े अधिकारी कागजों और सीएम से समय मिलने के इंतज़ार कर रहे है। अब सोशल मीडिया पर भी लोग जल्द छुट्टियां लागू करने और नए शिक्षा मंत्री की नियुक्ति की वकालत कर रहे हैं।
मालूम हो कि इस बार सीएम के दिल्ली दौरे में किसी ने कोई बड़ा कयास नहीं लगाया है इसलिए आशंका लग रही है कि मुख्यमंत्री श्री साय दिल्ली दौरे से लौटने के बाद मंत्रि मंडल का विस्तार करते हुए नया शिक्षा मंत्री नियुक्त कर सकते हैं। इसके अलावा गर्मी को देखते हुए अवकाश पर तो फैसला ले ही सकते हैं। क्योंकि सवाल प्रदेश में भीषण गर्मी और सबसे बड़े मानव संसाधन वाले स्कूल शिक्षा विभाग के पूर्णकालिक मंत्री का है। अब श्री साय पर अब सभी की निगाहें हैं। क्या सरकार बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देगी या यह मुद्दा फिर लटका रहेगा..? जब तक जनता और अभिभावक का इंतजार जारी है।