Cg news: “मरीज बेहाल, अस्पताल ठप – एनएचएम कर्मियों और मितानिनों का आर-पार…दबाव में सरकार ”

Cg news।बिलासपुर…छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के 16 हजार से अधिक कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
कर्मचारियों की नियमितीकरण, ग्रेड पे, पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना और लंबित 27% वेतनवृद्धि जैसी मांगों को लेकर यह आंदोलन शुरू हुआ है। बिलासपुर में एनएचएम कर्मियों ने कोन्हेर गार्डन में जोरदार प्रदर्शन किया।
इधर, मितानिन संघ भी अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आया। उन्होंने रिवर व्यू से नेहरू चौक तक रैली निकाली और नारेबाजी की।
हड़ताल के चलते अस्पतालों में मरीजों को दवाइयाँ नहीं मिल पा रहीं। नवजात शिशु वार्ड और पोषण आहार केंद्र बंद हैं। शुगर, ब्लड टेस्ट, ट्रूनाट, सीबीनाट बलगम जांच और नेत्र परीक्षण जैसी सेवाएँ पूरी तरह ठप हो चुकी हैं।
स्कूल और आंगनबाड़ी में स्वास्थ्य परीक्षण नहीं हो रहे और रूटीन टीकाकरण भी बंद है। इसके अलावा टीबी, मलेरिया और कुष्ठ जैसे मरीजों को दवाइयाँ उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं।
सुदूर ग्रामीण और शहरी अस्पतालों में अव्यवस्था फैल गई है और कई अस्पताल बंद होने की कगार पर पहुँच गए हैं।
एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी और प्रदेश प्रवक्ता पूरन दास ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों से कई बार मुलाकात के बावजूद जायज मांगों की लगातार अनदेखी की गई।
यहां तक कि जिन बिंदुओं पर स्वीकृति मिल चुकी है, उन पर भी आदेश जारी नहीं हुए। बिलासपुर के कार्यकारी प्रांत अध्यक्ष श्याम मोहन दुबे ने साफ कहा कि यदि सरकार ने जल्द ठोस निर्णय नहीं लिया, तो आंदोलन और अधिक उग्र होगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन की होगी।
इधर, हजारों की संख्या में उतरीं मितानिनों ने वेतन वृद्धि, सरकारी कर्मचारी का दर्जा और एनजीओ प्रथा समाप्त करने की मांग रखी।
उनका कहना है कि वर्षों से स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ बनने के बावजूद उन्हें आज तक सम्मानजनक मान्यता नहीं मिली है। बड़े पैमाने पर हुए इस प्रदर्शन से शहर की सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रही और प्रशासनिक हलकों में भी हलचल मच गई।