CG News : दो अलग-अलग मामलों में बलात्कारियों को 10-10 साल की सजा
एक मामले में मालिक ने अपनी महिला कर्मचारी को हवस का शिकार बनाया, तो दूसरे मामले में एक संरक्षक रिश्तेदार ही अपनी नाबालिग का भक्षक बन गया। इन फैसलों ने एक बार फिर न्याय व्यवस्था में विश्वास को मजबूत किया है।

रायपुर: राजधानी रायपुर की अदालतों ने दो अलग-अलग घिनौने मामलों में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए दो बलात्कारियों को 10-10 साल की कैद की सजा सुनाई है।
एक मामले में मालिक ने अपनी महिला कर्मचारी को हवस का शिकार बनाया, तो दूसरे मामले में एक संरक्षक रिश्तेदार ही अपनी नाबालिग का भक्षक बन गया। इन फैसलों ने एक बार फिर न्याय व्यवस्था में विश्वास को मजबूत किया है।
रायपुर की एक फास्ट-ट्रैक विशेष अदालत ने एक महिला कर्मचारी को अपनी हवस का शिकार बनाने और उसका जबरन गर्भपात कराने वाले आरोपी दुकान मालिक को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, यह दर्दनाक घटना तीन साल पहले गुढ़ियारी क्षेत्र में शुरू हुई। आरोपी नबी आलम खान ने पीड़िता को अपनी दुकान में नौकरी दी और फिर उसे पास में ही किराए का मकान दिलवाकर उसका विश्वास जीता। 15 जून 2022 को जब पीड़िता दुकान में अकेली थी, तो आरोपी ने दुकान का शटर बंद कर उसके साथ जबरदस्ती की।
इसके बाद वह शादी का झांसा देकर लगातार उसका शारीरिक शोषण करता रहा और विरोध करने पर मारपीट भी करता था। जब पीड़िता गर्भवती हो गई, तो आरोपी ने शादी से इनकार कर दिया और जबरन उसका गर्भपात करा दिया। हद तो तब हो गई जब 9 सितंबर 2023 को उसने फिर पीड़िता के घर में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म किया और शादी की बात करने पर साफ मुकर गया।
पीड़िता की रिपोर्ट पर गुढ़ियारी पुलिस ने आरोपी नबी आलम के खिलाफ धारा 376, 313 और एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया। फास्ट-ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विनय कुमार प्रधान ने मामले में सुनवाई पूरी करते हुए और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को 10 साल की कैद की सजा सुनाई।
एक अन्य शर्मसार करने वाले मामले में, उरला इलाके में अपनी ही नाबालिग रिश्तेदार का यौन शोषण करने वाले आरोपी को अदालत ने 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
क्या थी घटना?
अभियोजन के अनुसार, यह घटना वर्ष 2020 की है। आरोपी शंकर चौधरी, जो पीड़िता का रिश्तेदार और संरक्षक था, उसी के घर में रहता था। उसने अपनी स्थिति का फायदा उठाकर पीड़िता और उसकी मां पर दबाव बनाया और नाबालिग के साथ बार-बार दुष्कर्म किया। जब भी पीड़िता विरोध करती, तो आरोपी उसे और उसकी मां को डरा-धमकाकर और मारपीट कर चुप करा देता था।
अंततः पीड़िता और उसकी मां ने हिम्मत जुटाकर उरला थाने में आरोपी के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपी शंकर चौधरी को गिरफ्तार कर जांच शुरू की।
गवाहों के बयानों और पुख्ता सबूतों के आधार पर अदालत ने आरोपी को धारा 376(2)(ढ), 376(2)(च), 506(2) और 323 के तहत दोषी करार देते हुए 10 साल की कठोर सजा से दंडित किया है।