CG NEWS:अध्यक्ष पद हारे हुए निकाय में पार्षदों के शपथ ग्रहण में भाजपा का शक्ति प्रदर्शन.. वहीं अध्यक्ष सहित कांग्रेस पार्षदों ने अलग राह पकड़ते हुए कार्यक्रम को किया फीका

CG NEWS:सूरजपुर । नगर पालिका परिषद सूरजपुर में रविवार को नव निर्वाचित अध्यक्ष सहित 18 पार्षदों का शपथ ग्रहण होना था। लेकिन कांग्रेस और भाजपा के आपसी समन्वय टूटने की वजह से यह कार्यक्रम बिखरकर दो धड़ों में बंट कर रह गया। भाजपा की ओर से मुख्य अतिथि महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, प्रेम नगर विधायक भूलन सिंह मरावी, पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा ने भाजपा के पार्षदों और कुछ निर्दलीय पार्षदों को इस शपथ ग्रहण में शुभकामनाएं दी वहीं इस कार्यक्रम के आमंत्रण में जिले के प्रभारी मंत्री दयाल दास बघेल,सरगुजा सांसद चिंतामणी महाराज इस कार्यक्रम में नहीं आए। कुल मिला कर समन्वय से नहीं चलने की वजह से यह अधूरा शपथ ग्रहण भाजपा का फीका शक्ति प्रदर्शन साबित हुआ ऐसा कांग्रेस नेताओं का मत है।
दूसरी ओर कांग्रेस से जुड़े सूरजपुर नगर पालिक के अध्यक्ष और पार्षद राज्य की सत्ताधारी भाजपा के मुख्य अतिथियों सहित अन्य भाजपा नेताओं की इस शपथ ग्रहण में मंच की कब्जाई नीति की वजह से दूरी बनाते हुए अपना शपथ ग्रहण बड़ी सादगी के साथ निकाय के कार्यालय में सम्पन्न कराया।
आमंत्रण पत्र के अनुसार इस भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों सहित अध्यक्ष के शपथ ग्रहण में भाजपा की ओर से मुख्य अतिथि महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, प्रेम नगर विधायक भूलन सिंह मरावी, पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा,भीमसेन अग्रवाल , आर. के. शुक्ला,रामकृपाल साहू, बाबूलाल अग्रवाल, मुरली मनोहर सोनी,अम्बिकेश केशरी, राजेश महलवाला, थलेश्वर साहू सहित कुछ और नाम शामिल थे।
वही नगर पालिका परिषद के आमंत्रण पत्र में कांग्रेस नेताओं में पूर्व उप मुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव, पूर्व मंत्री प्रेमसाय सिंह, पूर्व सांसद खेलसाय सिंह, पूर्व विधायक पारस नाथ राजवाड़े ,भगवती राजवाड़े, भानूप्रताप सिंह, विंध्येश्वर शरण सिंह देव, सुभाष गोयल, नरेश राजवाड़े, के. के. अग्रवाल सहित कई अन्य कांग्रेस नेताओं के नाम शामिल थे।लेकिन समन्वय नहीं होने की वजह से कांग्रेस नेता इस शपथ ग्रहण के कार्यक्रम से दूरी बना कर संयुक्त कार्यकम में शामिल नहीं हुए।
बताते चले कि पहले नवनिर्वाचित अध्यक्ष और पार्षदों का शपथ ग्रहण एक मार्च को होना था। शपथ ग्रहण के आमंत्रण पत्र में भाजपा के मंत्री और भाजपा नेताओं का ही नाम प्रमुखता से छापा गया जिसमे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को शामिल नहीं किया गया था। जिस पर कांग्रेस को ऐतराज हुआ । इस वजह से शपथ ग्रहण स्थगित कर दिया गया ।फिर उसके बाद कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि को लेकर समन्वय बना और 9 मार्च को समन्वय से शपथ ग्रहण का कार्यक्रम तय किया गया । लेकिन एन वक्त पर दो तरह के निमंत्रण पत्र बांटने की खबरों की वजह से यह समन्वय टूट गया।
जिसका नतीजा यह हुआ कि सूरजपुर नगर परिषद का शपथ ग्रहण भाजपा के लिए अध्यक्ष पद हारे हुए निकाय में पार्षदों के शपथ ग्रहण में भाजपा का शक्ति प्रदर्शन बन कर रह गया..! कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा यह भूल जाती है कि सूरजपुर नगर परिषद पर भाजपा की हार हुई है। शपथ ग्रहण में हार को जीत में बदलने की कोशिश बेमानी सी लगती है। भाजपा को हार स्वीकार कर समन्वय के साथ चलने की कोशिश करनी चाहिए जो नहीं हुआ।
बताते चले की सूरजपुर जिले का प्रमुख निकाय सूरजपुर नगर पालिका परिषद है।जिसमे कांग्रेस की प्रत्याशी कुसुम लता राजवाड़े अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित हुई है। वही इस निकाय में भाजपा के पार्षदों की संख्या आठ है तो कांग्रेस के पार्षदों की संख्या छह है। वही चार निर्दलीय पार्षद चुन कर शहर की सरकार में शामिल हुए है।
कांग्रेस के पास अभी अध्यक्ष का पद है इसलिए नगर पालिका परिषद के उपाध्यक्ष पद भाजपा के लिए महत्वपूर्ण हो गया है। इसमें अब निर्दलीय पार्षदों का महत्व बढ़ गया है। एक ओर राज्य की भाजपा का सत्ताधारी दल है तो दूसरी ओर जिले की संगठित कांग्रेस है। यही वजह है कि तस्वीर साफ होकर भी उपाध्यक्ष का पद फिलहाल सस्पेंस में नजर आ रहा है।