CG NEWS:बिश्रामपुर SECL: एटक यूनियन की ताक़त और ठेका श्रमिकों की एकजुटता रंग लाई, कंपनी ने किया समझौता,मांगें मानी और आंदेलन समाप्त

CG NEWS:बिश्रामपुर(मनीष जायसवाल) । सूरजपुर जिले से निकली जब बात दूर तलक गई, तो एटक यूनियन की ताक़त और ठेका श्रमिकों की एकजुटता रंग लाई। संघर्ष की इस जमीन पर आंदोलन का बीज ऐसा फूटा कि आखिरकार समझौते की फसल लहलहा उठी ..। बिश्रामपुर क्षेत्र की केतकी भूमिगत खदान में पांच दिवसीय क्रमिक भूख हड़ताल चौथे दिन अपने निर्णायक मोड़ पर पहुंची, जब उत्पादन में भारी गिरावट के चलते प्रबंधन को झुकना पड़ा। एसईसीएल और एसएमएस कंपनी ने एटक यूनियन के साथ समझौता किया और ठेका श्रमिकों की मांगों को मानते हुए आंदोलन समाप्त कराया गया। लेकिन यह आंदोलन जाते-जाते सवालों की परछाईं भी छोड़ गया..! क्या श्रमिकों को हर बार अपनी बुनियादी मांगों के लिए भूख हड़ताल करनी होगी..?
समझौता बैठक बिश्रामपुर क्षेत्र के महाप्रबंधक संजय सिंह की मध्यस्थता में हुई, जिसमें क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक एस.के.पी. शिंदे, एचआर प्रतिनिधि हरेन्द्र तिवारी, केतकी खदान के मैनेजर विनम्र जैन, एसएमएस कंपनी के एचआर हेड निशांत बोरे, नरेश नागपुरे, आनंद और स्थानीय पेटी ठेकेदार उपस्थित रहे। वहीं श्रमिक पक्ष से एटक यूनियन के क्षेत्रीय सचिव पंकज कुमार गर्ग, कार्यवाहक अध्यक्ष वी.सी. जैन, उपाध्यक्ष आर.के. द्विवेदी, सहायक सचिव सलमान खान, और 20 ठेका श्रमिकों के साथ जोबगा व पोड़ी गांव के सरपंच हितेंद्र सिंह मरकाम, अजय पोर्ते, संतलाल सोमर साय भी मौजूद रहे। लगभग दो घंटे की बातचीत के बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।
समझौते के अनुसार काम से हटाए गए 15 ठेका श्रमिकों को तत्काल कार्य पर बहाल किया गया। ठेका श्रमिकों को हाई पावर कमेटी द्वारा तय वेतन मिलेगा। ठेकेदार यदि श्रमिकों से पैसा वसूलते हैं, तो उनके खिलाफ ठेका रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी। हर माह वेतन पर्ची देना अनिवार्य होगा। साथ ही, श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा और चिकित्सा की व्यवस्था, रोजगार की स्थिति में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने का प्रावधान, सीएमपीएफ दावे की प्रक्रिया, बोनस व एरियर भुगतान और सुरक्षा प्रहरियों को एचपीसी वेज का भुगतान जैसे अहम बिंदुओं पर सहमति बनी।
समझौते के बाद भूख हड़ताल पर बैठे श्रमिकों को केतकी खदान के मैनेजर विनम्र जैन और एसएमएस कंपनी के एचआर हेड निशांत बोरे ने जूस पिलाकर आंदोलन समाप्त कराया। इस मौके पर एटक यूनियन के क्षेत्रीय सचिव पंकज कुमार गर्ग ने कह कि यह हमारी एकता की जीत है। इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष नरेश राजवाड़े, जोबगा व पोड़ी के सरपंचों और सभी जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों का हम आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने हर कदम पर हमारा साथ दिया।”
एटक के महामंत्री कॉ. अजय विश्वकर्मा ने आंदोलन की सफलता पर कहा कि बिश्रामपुर क्षेत्र के नेतृत्वकारी साथियों और सभी आंदोलनकारी ठेका श्रमिकों की एकजुटता, साहस और यूनियन पर भरोसे ने यह दिन दिखाया है। आप सभी को सलाम है।
यह आंदोलन सिर्फ एक समझौता नहीं, बल्कि ठेका श्रमिकों की आवाज़ में गूंजती जीत की किस्सा बन गया। एटक यूनियन ने यह साबित किया कि अगर संगठन मजबूत हो, नेतृत्व ईमानदार हो और श्रमिक एकमत हों, तो किसी भी बंद दरवाजे को खोला जा सकता है। यह लड़ाई ठेके पर टिकी जिंदगियों को स्थायित्व और सम्मान देने की दिशा में एक अहम क़दम है।