Chhattisgarh

CG BJP: वित्त मंत्री ओपी चौधरी का विरोध भगत को पड़ा महंगा

CG BJP ।छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी में अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद बड़ा फेरबदल किया गया. प्रदेश कार्यकारिणी में 47 नए पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई है. वित्त मंत्री ओ पी चौधरी पर सवाल खड़े करने वाले भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) रवि भगत को हटा दिया गया है.

भगत की जगह राहुल योजराज को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. विभा अवस्थी को प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष बनाया गया है. संतोष पांडे को मुख्य प्रवक्ता और हेमंत पाणिग्रही को प्रदेश मीडिया संयोजक बनाया गया है.

छत्तीसगढ़ के संगठन विस्तार में 4 उपाध्यक्ष, 3 महामंत्री, 8 मंत्री, 4 संगठन सचिव, 6 सह मंत्री और 22 सदस्य शामिल किए गए हैं. संगठन के हर मोर्चे की सहभागिता बढ़ाने के मकसद से 8 मंत्रियों को अगल अगल मोर्चों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. संगठन के मुताबिक छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी को ओर मजबूत करने और आने वाले चुनावों की तैयारियों के मकसद से नियुक्तियां की गई हैं.

प्रदेश बीजेपी में संगठनात्मक विस्तार के बीच सबसे बड़ा झटका भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत को लगा है. वित्त मंत्री ओपी चौधरी की नीतियों पर खुलकर सवाल उठाने और सोशल मीडिया पर डीएमएफ (जिला खनिज निधि) को लेकर वीडियो पोस्ट करने वाले रवि भगत को उनके पद से हटा दिया गया है. उनकी जगह राहुल योगराज टिकरिहा को नया भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने रवि भगत को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने पार्टी नेताओं के खिलाफ दुष्प्रचार किया. नोटिस में सात दिनों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया गया है, अन्यथा पार्टी से निष्कासन की कार्रवाई हो सकती है.

रवि भगत लंबे समय से बीजेपी युवा मोर्चा में सक्रिय रहे हैं और उन्हें जुझारू और संघर्षशील नेता के तौर पर जाना जाता है. हाल ही में भगत ने सोशल मीडिया वीडियो के डालकर डीएमएफ राशि को गांवों में सड़क, पेयजल और अन्य विकास कार्यों में खर्च करने की मांग की थी. जिसके चलते रवि भगत को पद से हटा दिया गया है.

प्रदेश बीजेपी की नई कार्यकारिणी की लिस्ट जारी होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया एकाउंट X पर पोस्ट कर बीजेपी पर निशाना साधा है. भूपेश ने लिखा कि रवि भगत ने अडानी से लेकर DMF और CSR में हो रहे भ्रष्टाचार पर सवाल खड़े किए थे.

इसलिए उनपर एक्शन लिया गया.भुपेश ने आगे लिखा कि एक आदिवासी नेता को ये संदेश दिया गया है कि जो अडानी की टीम के खिलाफ बोलेगा उसे कीमत चुकानी पड़ेगी. भुपेश ने आगे लिखा कि आदिवासियों की जल , जंगल और ज़मीन छीनने के बाद अब बीजेपी आदिवासीयों का नेतृत्व छीन रही है.

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