वरिष्ठों के गुस्से से थमा मंत्रिमंडल विस्तार ?.. खींचतान हुई तेज़”..भाजपा के लिए नई चुनौती

रायपुर…छत्तीसगढ़ में लंबे समय से चर्चा में रहे मंत्रिमंडल विस्तार की प्रक्रिया एक बार फिर टल गई है?सूत्रों का कहना है कि इसकी मुख्य वजह वरिष्ठ और अनुभवी विधायकों की नाराजगी है। पहले माना जा रहा था कि 18 अगस्त को विस्तार हो सकता है,।क्योंकि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्यपाल और रामन डेका से मुलाकात की थी, लेकिन अंतिम समय पर यह कवायद रुक गई।
जानकारी के मुताबिक, पहली बार के विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने की संभावना से पुराने और कद्दावर नेताओं में असंतोष बढ़ा है। जिन नामों पर चर्चा थी उनमें दुर्ग से गजेंद्र यादव, आरंग से खुशवंत साह और अंबिकापुर से राजेश अग्रवाल का नाम प्रमुख रहा। हालांकि तीनों ही नए विधायक हैं। इनमें खुशवंत साह और राजेश अग्रवाल की राजनीतिक पृष्ठभूमि पूरी तरह भाजपा से नहीं जुड़ी रही है।जबकि गजेंद्र यादव आरएसएस से जुड़े माने जाते हैं।
इन्हीं चर्चाओं के बीच राजेश मूणत, अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर और लता उसेंडी जैसे वरिष्ठ नेताओं ने असहमति जताई। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अभी न तो राजभवन में शपथ ग्रहण की तैयारी हुई है और न ही किसी विधायक को फोन गया है।
भाजपा के संगठन स्तर पर भी यह माना जा रहा है कि फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना नहीं है। हालांकि, मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे के बाद कुछ नए नामों को लेकर अटकलें जरूर तेज हुई थीं। अब आलाकमान इस असंतोष को कैसे सुलझाता है, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं। सवाल यह भी उठता है कि क्या मुख्यमंत्री विदेश?दौरा के पहले अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे ? आज की स्थिति मेंहाल इसकी संभावना कम होते नजर आ रही है।
गौरतलब है कि पिछले मंत्रिमंडल गठन में भी कई नए चेहरों को मौका मिला था, जबकि वरिष्ठ नेताओं को किनारे कर दिया गया था। यही वजह है कि इस बार भी भाजपा का आंतरिक समीकरण चुनौतीपूर्ण बन गया है।
अंदरखाने की चर्चा टलेगा मंत्रिमण्डल का विस्तार
एक चर्चा यह भी सामने आ रही है कि वरिष्ठ मंत्रियों की नाराजगी को देखते हुए गैर भाजपा पृष्ठभूमि के दोनों विधायकों आरंभ से खुशवंत शाह और अंबिकापुर से राजेश अग्रवाल का नाम हटाकर मंत्रिमण्डल का विस्तार किया जा सकता है । बहरहल ऐसा कुछ अभी दिखाई होते नहीं दे रहा है। लेकिन अंदर खाने की बातों पर विश्वास किया जाए तो। फिलहाल के लिए मंत्रिमंडल विस्तार टलता हुआ नज़र आ रहा है । क्यों के मंत्री मण्डल में शामिल सदस्यों को अभी तक किस प्रकार की सूचना नहीं पहुंची है। इसलिए कयास लगाया जा रहा है कि इस बार भी मंत्रिमंडल का विस्तार टलना निश्चित है ?